नवादा : नवादा जिले के रोह प्रखंड का वारा पांडेय गांव में आज किसी भी घर का चूल्हा नहीं जला। ग्रामीणों का दुलारा और सभी की आंखों का तारा राॅकी आज उन्हें छोड़कर दुनिया से विदा हो गया। ग्रामीणों में उसके लिए कितनी लगन थी इसकी बानगी तब देखने को मिली जब गांव वालों ने बैंडबाजे के साथ अर्थी निकालकर उसका अंतिम संस्कार किया। गांव वालों का यह पशु प्रेम पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। मामला रोह प्रखंड क्षेत्र के वारा पाण्डेय गांव का है। इसके पूर्व गोविन्दपुर प्रखंड क्षेत्र के विशुनपुर गांव में एक बिल्ली का ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार कर भोज का आयोजन किया था।
बताया जाता है कि राॅकी की मौत के बाद ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया ।उसकी अर्थी का निर्माण कर पूरे सम्मान के साथ रामनामी चादर ओढा कर कंधे पर उठा पूरे गांव का भ्रमण करा लोग श्मशान पहुंचे और अंतिम संस्कार कराया।
ग्रामीणों के अनुसार वह पूरे गांव का दुलारा था। कभी किसी घर में चोरी की नियत से नहीं घुसा न ही किसी को किसी प्रकार की क्षति पहुंचाई । जो मिला ग्रहण किया । प्रतिदिन एक एक घर के बाहर बैठकर कुछ मिलने का इंतज़ार करता था। यही कारण है कि वह पूरे गांव का दुलारे था । हर किसी को उसकी मौत से गम हुआ तो उसका अंतिम संस्कार कराया गया है।
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