पटना : राजद के अनुसूचित जाति/जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार उर्फ साधु पासवान ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध के लिए सीधे-सीधे नीतीश कुमार की सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि राज्य में आए दिन अनुसूचित जाति/जनजाति और अति पिछड़ी जाति के महिलाओं के यौन शोषण और बलात्कार हो रहे हैं। नीतीश सरकार चुप हैं। यहां तक कि उनकी मेडिकल जाँच भी नहीं करवाई जा रही है। सरकार अपनी छवि बचाने के लिए हर कुकर्म कर रही है। केंद्र सरकार में मंत्री रामविलास पासवान भी चुप्पी साधे हुए हैं। पूरे बिहार में दलितों, दलित महिलाओं की हत्या, बलात्कार, अपहरण हो रहे हैं। लेकिन वो कुछ नहीं बोलते हैं। उन्होंने रामविलास पासवान से कुछ सवाल भी किए। पूछा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण न देने का फैसला किया तो भी उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। उन्होंने ये भी कहा कि 2 अप्रैल 2018 को एससी/एसटी शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे, लेकिन केंद्र और राज्य की सरकार ने लाखों दलितों पर मुकदमा दायर कर दिया जिसको अभी तक नहीं हटाया गया है। साधु ने आगे बताया कि भोजपुर जिले में एक महादलित महिला काजल देवी की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई। सासाराम में भी ऐसा ही कुछ हुआ। परिजनों के हंगामा करने के बाद भी उसकी मेडिकल जाँच नहीं करई गई। मोकामा, मधुबनी, वैशाली में खुलेआम दलित महिलाओं पर अत्याचार किया जा रहा है। पटना के आइजीआइएमएस में खुशबू नाम की दलित लड़की की बलात्कार और हत्या की गई। सरकार यदि महिलाओं के शोषण के खिलाफ गंभीर होती तो स्पीडी ट्रायल से फैसला हो सकता था लेकिन सरकार को इससे कोई मतलब नहीं है। नीतीश कुमार की सरकार में रामविलास पासवान के छोटे भाई पारस मंत्री हैं। लेकन वो भी सिर्फ दलित कोटे से मंत्री बनकर सत्ता का सुख भोग रहे हैं। अतः नीतीश कुमार, रामविलास पासवान को तुरंत इस्तफ़ा देना चाहिए।
मानस दुबे
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