पटना : राज्यसभा उपचुनाव को लेकर एनडीए के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने को लेकर महागठबंधन का सबसे बड़ा घटक दल राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि राज्यसभा के उप चुनाव में उम्मीदवार खड़ा करने के लिए राजद का कभी इरादा हीं नहीं था। चूंकि यह सीट दलित समुदाय से आने वाले दिग्गज राजनेता के निधन से रिक्त हुआ था। इसलिए लोग चाहते थे कि बिहार के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उनके सम्मान में श्रद्धांजलि स्वरुप यदि उनकी पत्नी को उम्मीदवार बनाया जाता तो निश्चित रूप से हर बिहारी अपने को गौरवान्वित महसूस करता और एक अच्छा संदेश भी जाता।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि राजद द्वारा राज्यसभा में अपना उम्मीदवार खड़ा करने की बात अधिकारिक रूप से कभी कही हीं नहीं गई थी। बल्कि एनडीए के लोगों द्वारा ही ऐसा कयास लगाया जा रहा था। क्योंकि एनडीए के घटक दलों के बीच और घटक दलों के अन्दर के अन्तर्विरोधों एवं अविश्वास की वजह से एनडीए के नेता खुद काफी सशंकित और परेशान थे।
उम्मीदवार नहीं उतारे जाने को लेकर चर्चा यह है कि लालू यादव चाहते हैं कि सुशील मोदी बिहार की राजनीति से दूर रहें ताकि खुद उन पर और उनके परिवार पर सुशील मोदी का हमला कम हो पाए। क्योंकि, सुशील मोदी बिहार की राजनीति में सबसे अधिक हमलावर लालू परिवार पर ही रहते हैं। इसका ताजा उदाहरण विधानसभा चुनाव से पूर्व फोन टेप के मामले में देखा जा चुका है। ऐसे में अगर सुशील मोदी बिहार की राजनीति से दूर जाते हैं तो खुद लालू यादव के लिए यह किसी बड़ी राहत से कम नहीं होगा। दूसरी और सत्य बात यह है राज्यसभा उपचुनाव को लेकर राजद ने हार मान ली है। क्योंकि, सीट जीतने के लिए महागठबंधन के पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है। लिहाजा, इन बातों से ध्यान भटकाने के लिए परिवार वाली थ्योरी चलाई जा रही है।