रौनियार समाज ने की अपनी जाति को ओबीसी में शामिल करने की मांग

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पटना : जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, सभी जातियां राजनीतिक दलों की नज़र में अपना महत्व बढ़ाने के लिए रैली और मीटिंग में जुट गईं हैं। आज पटना के बापू सभागार में रौनियार वैश्य महासभा के शताब्दी वर्ष के बहाने एक विशाल रैली की गई। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व डीजीपी, अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि रौनियार समाज वैश्य समाज का ही हिस्सा है। उन्होंने सरकार से अपील की कि रौनियार समाज को पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जाए और आरक्षण का जो लाभ अन्य पिछड़ी जातियों को मिलता है, वही लाभ हमारे समाज के लोगों को भी दिया जाए। भारत सरकार यदि हमारी मांगों को जल्द नहीं मानती तो देशभर में आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रौनियार समाज के 40 लाख लोग बिहार में रहते हैं और पूरे देश में डेढ़ करोड़ की आबादी हमारी है। देश के विकास में भी हमारा योगदान बहुत महत्वपूर्ण है।इसके वावजूद हमारे समाज का एक भी आदमी विधायक, सांसद या मंत्री नहीं बन सका है। उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की कि आबादी के मुताबिक हमें राजनीति में प्रतिनिधित्व मिले। इस अवसर पर उन्होंने समाज में निर्धन गरीब बच्चों के मदद की बात भी कही। निर्धन और बीमार वृद्धों ,माताओं, बहनों को चिकित्सा उपलब्ध कराने की बात कही।
कर्नाटक के पूर्व डीजीपी प्रकाश गुप्ता ने कहा कि मैं भी बिहार का रहने वाला हूं और रौनियार समाज से आता हूं। बंगलोर में देशभर के रौनियार समाज के लड़के—लड़कियां पढ़ने आते हैं और उनकी अधिकांश समस्या सामाजिक है। ऐसे में संगठन जब मजबूत होगा, तभी उनकी मदद हो सकेगी। समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर नेपाल के सांसद हरि नारायण प्रसाद रौनियार ने कहा कि भारत और नेपाल धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से एक हैं। नेपाल में जितने भी रौनियार यहां से व्यापार करते हैं, वो सब भारत से ही आए हैं। महिला पुरुष की समानता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि समाज में बहुत सारी कुरीतियां, दहेज़, असमानता आदि फैली हुई हैं जिसे समाप्त करना बहुत आवयश्क है। जितना तकनीक का विकास होगा उतना ही शोषण कम होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के महासम्मेलनों से भारत और नेपाल के रौनियार समाज मजबूत होंगें। इससे भारत और नेपाल के रिश्ते भी प्रगाढ़ होंगे।
मानस दुबे

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