पटना : बिहार से राज्यसभा की सीट को लेकर राजद और कांग्रेस में ठन गई है। कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने इस संबंध में राजद नेता तेजस्वी यादव को खत लिखा है। खत में गोहिल ने तेजस्वी को उनका पुराना वादा याद दिलाया है जो उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान साझा प्रेस कांफ्रेंस में सबके सामने किया था। बकौल गोहिल तब तेजस्वी ने लोस की नौ सीटों के अलावे कांग्रेस का राज्यसभा की एक सीट देने का वादा किया था।
इधर गोहिल के खत के जवाब में प्रदेश राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि कोई वादा नहीं किया गया था। श्री गोहिल व्यर्थ का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस ने जगदानंद के इस बयान पर फिर पलटवार किया और कहा कि जब तेजस्वी ने वादा किया था, तब तो जगदानंद राजद में प्रदेश अध्यक्ष भी नहीं बने थे। फिर वे कैसे वादे से इनकार कर सकते हैं।
दरअसल राजद बिहार से नौ अप्रैल को खाली हो रही राज्यसभा की सीटों में से विपक्ष के खाते वाली दोनों सीटों पर अपने दो प्रत्याशी देना चाहता है। कांग्रेस शक्ति सिंह गोहिल और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा में से किसी के लिए एक सीट का दवा कर रही है।
इधर लालू के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव भी एक सीट चाह रहे थे लेकिन उन्हें समझा—बुझाकर शांत करा दिया गया है।
लेकिन राजद के लिए असली मुश्किल कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को समझाना है। इसी सिलसिले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दिल्ली गए हुए हैं। वहां वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को मनाने में लगे हैं।
फिलहाल राजद दबाव की राजनीति बनाए हुए है। उसकी असल मजबूरी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस से अदावत नहीं होने देने की भी है। अगर राज्यसभा सीट को लेकर कांग्रेस नाराज हो जाती है तो इसका नुकसान राजद को विधानसभा चुनावों में उठाना पड़ सकता है। ऐसे में राजद कांग्रेस को अपने साथ भी रखना चाहता है, और राज्यसभा सीट भी नहीं देना चाहता। अब देखना है कि विपक्षी एकता का ऊंट बिहार में किस करवट बैठता है।