Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured बिहार अपडेट वैशाली

रामविलास की सीट हाजीपुर से नामांकन करेंगे पारस, जानिए क्यों नहीं लड़ रहे पासवान?

वैशाली : हाजीपुर लोकसभा सीट से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी के प्रत्याशी बिहार सरकार के पशुपालन मंत्री पशुपति कुमार पारस 15 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। बताते चलें कि इस सीट से रामविलास पासवान सर्वाधिक आठ बार 1977, 1980, 1989, 1996, 1998, 1999, 2004 तथा 2014 में सांसद रह चुके हैं। इस लोकसभा के अन्तर्गत हाजीपुर, महुआ, राजापाकर, जन्दाहा, महनार पातेपुर तथा राघोपुर विधान सभा क्षेत्र आते हैं। अब जबकि राजग में हुए समझौते के अनुसार रामविलास पासवान का असम से राज्यसभा जाना प्रस्तावित है, तब उन्होंने अपने अनुज पशुपति कुमार पारस को अपनी इस परंपरागत लोकसभा सीट का उत्तराधिकार सौंप दिया।
अभी एक दिन पहले 12 अप्रैल को हाजीपुर के एक होटल में आगामी चुनाव की तैयारियों के लिए लोजपा, जदयू तथा बीजेपी के कार्यकर्ताओं की एक संयुक्त बैठक हुई। इस बैठक से इस सीट की चुनावी रणनीति का निर्धारण होना था तथा जिम्मेदारियाँ भी तय होनी थी। परन्तु आगाज़ कुछ खास हो नहीं पाया और मतभेद उभरकर सामने खड़े हो गए। हुआ यह कि जदयू के राष्ट्रीय सचिव संजय वर्मा ने आगामी चुनाव के मुद्दों में से राम मंदिर का मुद्दा हटा देने की बात कह दी; बस फिर क्या था, भाजपा वाले भी विरोध में तन कर खड़े हो गए। सबने खुले दिल से हंगामा बरपाया, हाथापाई हुई, कुर्सियाँ भी चलीं, कुछ ने तो जदयू के राष्ट्रीय सचिव संजय वर्मा को मंच से उतार देने की कोशिश भी की। यह माहौल देखकर स्वयं प्रत्याशी महोदय को भी चौतरफा अंधेरा ही दिखा होगा; फिर इस कश्ती की पतवार थामने वाले राजग प्रत्याशी ने बीच-बचाव कर, कसमे-वादे याद दिलाकर मामले को शांत किया। हम तो यही दुआ करेंगे कि मतभेद भले हों, मनभेद न होने पाए और आगाज़ जैसा भी हुआ हो अंजाम खुशनुमा हो।
दूसरी तरफ महागठबंधन की तरफ से शिवचंद्र राम को प्रत्याशी बनाया गया है और इनके भी नामांकन में ड्रामा कुछ कम नहीं हुआ। हुआ यह कि इनके नामांकन के दौरान राजद के भीष्म पितामह श्री रघुवंश बाबू प्रशासन के कड़े नियम-कानून से आहत होकर सदर एसडीओ से वाद-विवाद कर बैठे और नामांकन में बिना शरीक हुए ही रुठ कर वापस लौट गए।
इधर रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने हाजीपुर सदर प्रखंड के सुभई स्थित भोला राय नवीनजी हाईस्कूल के मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कह दिया कि रामविलास पासवान हार के डर से लोकसभा चुनाव से भाग खड़े हुए और राज्यसभा की सीट लेने की आस में बैठे हैं; पर हार के बाद उनका ये सपना भी टूटना तय है।
कुछ लोगों का यह भी दावा है कि रामविलास पासवान मौसम वैज्ञानिक की तरह राजनीतिक हवा का रुख जान लेते हैं और सिर्फ जीतने वाली पार्टी के साथ ही बह जाते हैं। अब लोगों का यह दावा इस बार कितना सच होता है, ये तो वक़्त के पिटारे में कैद है।
अब चुनाव है तो कसमे-वादे तथा रूठना-मनाना चलते रहना चाहिए। वो क्या है न, जनता को बाद में कुछ मिले न मिले; वर्तमान में घनघोर मनोरंजन मिल जाता है। अब जनता तो भोली ठहरी; इतने से भी खुश हो लेगी।
ख़ैर अब वापस आ जाते हैं नामांकन वाले मुद्दे पर। बताया गया है कि पशुपति पारस के नामांकन के दौरान मंत्री रामविलास पासवान, चिराग पासवान, रामचन्द्र पासवान समेत कई केन्द्रीय मंत्री तथा बिहार सरकार के कुछ मंत्रीगण के उपस्थित रहने की संभावना है।
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में छह मई को होने वाले मतदान के लिए बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है। इस अधिसूचना के अनुसार नामांकन की अंतिम तारीख 18 अप्रैल है जबकि नामांकन पत्रों की जांच 20 अप्रैल को होगी। नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 22 अप्रैल है और मतदान छह मई को होना तय है।
(सुजीत सुमन)

1 COMMENTS

  1. इसी तरह सच्चाइयों को उजागर करते रहिये।

Comments are closed.