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राज्य की जनता भगवान भरोसे, सरकार का ब्रेक फेल: सत्येन्द्र नाथ तिवारी

गढ़वा: राज्य में उत्पन्न अराजक स्थिति काफी चिंताजनक है। महागठबंधन सरकार के मुखिया का प्रशासन के साथ-साथ खुद के कैबिनेट पर भी नियंत्रण नहीं है।

राज्य सरकार ने कोरोना वैश्विक महामारी से निपटने के लिए अपनी विस्तृत जानकारी का प्रतिवेदन माननीय उच्च न्यायालय में जमा किया। जिसे माननीय उच्च न्यायालय ने महामारी से निपटने के लिए नाकाफी बताते हुए असंतोष जताकर राज्य सरकार की विफलता पर मुहर लगाने का काम किया है।

जघन्य अपराध के लिए माफी मांगे

ऐसी ही एक घटना मंगलवार 5 अप्रैल को घटी। जब राज्य सरकार के एक सदस्य ने पंजाब में फंसे प्रवासी मजदूरों को झूठ बोलकर स्टेशन पर बुलाया कि आज झारखंड के लिए दो ट्रेन खुल रही हैं। जबकि ऐसा कोई परमिशन नहीं था। इसका खामियाजा प्रवासी मजदूरों को पंजाब पुलिस द्वारा लाठीचार्ज में घायल होकर भुगतना पड़ा। प्रवासियों के साथ इस तरह का क्रूर मजाक/जघन्य अपराध के लिए राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों से माफी मांगे। मैं पंजाब पुलिस के द्वारा मजदूरों पर किए गए लाठीचार्ज/बर्बरता पूर्ण कार्रवाई की निंदा करता हूं।

पीडीएस दुकानदारों को लेकर सरकार को घेरा

वैश्विक महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाएं महज खानापूर्ति साबित हो रही हैं। आज 99 प्रतिशत डीलर लाभुकों को कम राशन और ज्यादा पैसे की उगाही करते हैं। मुख्यमंत्री दीदी किचन योजना एवं दाल भात केंद्र, कुछ जगहों को छोड़कर अधिकांश जगहों पर बिचौलिया और पदाधिकारियों की जेब गर्म करने की योजना बन कर रह गई है।

प्रवासी भगवान भरोसे

राज्य सरकार की विफलता तथा कार्ययोजना नहीं होने का खामियाजा आज प्रदेश के लाखों प्रवासी मजदूरों/विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। प्रत्येक दिन अन्य प्रदेशों/जिलों में फंसे सैकड़ों मजदूरों का फोन आता है लेकिन सरकार ने चंद प्रवासियों को झारखंड लाकर, बड़ी आबादी में बाहर फंसे हुए प्रवासियों को भगवान भरोसे छोड़ने का काम किया है।

झारखंड सरकार का ब्रेक फेल हो चुका है

राज्य सरकार का ब्रेक फेल हो चुका है। सरकार का अपने ही मंत्रालय और प्रशासन पर नियंत्रण नहीं है। जिसके कारण झारखंड की जनता भगवान भरोसे है। मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि सवा तीन करोड़ झारखंड वासियों के हितों की रक्षा के लिए कोई वैकल्पिक रास्ता निकाले, ताकि झारखंड वासियों की जान की रक्षा की जा सके।