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राज्य अपनी जीडीपी का 5 फीसदी के बराबर ले सकते कर्ज, मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ का बजट बढ़ाया गया

कोरोना संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के पांचवां और आखिरी किस्त की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि संकट का दौर हमेशा नये अवसर भी खोलता है, हमें आत्मनिर्भर भारत बनाने की जरूरत है। पिछले दो दिनों की घोषणाओं में कई सुधार रहे हैं जिसमें जमीन, मज़दूर, लिक्विडिटी और कानून को लेकर बात की गई, आज हम उसी श्रृंखला में आगे बढ़ेंगे।

वित्तमंत्री ने आज 7 विषयों जिनमें मनरेगा, स्वास्थ्य शहरी व ग्रामीण और शिक्षा , व्यापार और कोविड 19, कंपनी एक्ट को गैर आपराधिक बनाना, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, पब्लिक एंटरप्राइजेज, राज्य सरकार और उनके संसाधनों से जुड़े ऐलान किए।

जल संसाधन को मनरेगा के तहत लाया जाएगा

मनरेगा के बारे में बात करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ का अतिरिक्त बजट लाया गया है। अभी यह बजट 61 हजार करोड़ का है। प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिलेगा। तथा जल संसाधन को मनरेगा के अंतर्गत लाया जाएगा, इससे गाँव की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

महामारी से लड़ने के लिए ग्रामीण स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी

स्वास्थ्य के बारे में बात करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि भविष्य की महामारियों के लिए भारत को तैयार करने के लिए व्यय को बढ़ाएगी। जिला और ब्लॉक स्तर पर हेल्थ लैब बनाए जाएंगे। ग्रामीण स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी जिससे महामारी की स्थिति में वो लड़ने की क्षमता रखेगा। संक्रमित बीमारी के लिए अस्पताल में अलग से ब्लॉक बनाया जाएगा। पब्लिक हेल्थ लैब्स को बनाया जाएगा और रिसर्च की वृद्धि आईसीएमआई के माध्यम से होगी।

ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर

शिक्षा के बारे में बात करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि पीएम ई विद्या कार्यक्रम लाया जाएगा। इसमें वर्ग एक से लेकर 12वीं तक के लिए वन क्लास वन चैनल लाया जाएगा। दिव्यांग बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था की जाएगी तथा देश के टॉप 100 विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन क्लास की इजाजत मिलेगी। ऑनलाइन क्लास DTH के जरिये होगी। इसमें 12 और चैनल जोड़े जाएंगे तथा राज्यों से हर दिन 4 घंटे की सामग्री मांगी गई है। ई पाठशाला में 200 नई पुस्तकें भी जोड़ी गई हैं।

छोटे उद्योग को बड़ी राहत

Msme सेक्टर के लिए एक साल तक दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर रोक लगाई गई है। दिवालियापन की सीमा को 1 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ किया गया है।कोरोना वायरस की वजह से कर्ज के कारण कंपनियों को डिफ़ॉल्ट नहीं माना जाएगा। कंपनी को सरकार के तरफ से राहत दी जाएगी। कंपनी एक्ट के 7 अपराधिक कानून को हटाया गया।

PSE का निजीकरण किया जाएगा

पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज पॉलिसी लाई जाएगी। इसमें सभी सेक्टर्स को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोला जाएगा। लेकिन, साथ में सरकारी कंपनी भी रहेगी। सभी स्ट्रेटेजिक सेक्टर्स में निजी कंपनी के साथ एक सरकारी कंपनी रहेगी। दूसरे सेक्टर्स में सरकारी कंपनी का निजीकरण किया जाएगा। इसको लेकर फैसला उचित समय पर किया जाएगा।

राज्य अपने जीडीपी के 5 फीसदी के बराबर कर्ज ले सकते हैं

वित्तमंत्री ने कहा कि राज्यों को कोरोना से लड़ने के लिए 4113 करोड़ रुपए दिए गए। स्टेट डिजास्टर रिलीज फंड के तहत अप्रैल के पहले सप्ताह में 11,092 करोड़ रुपए राज्यों को दिए गए। साथ ही वित्तमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को जीडीपी के पांच फीसद के बराबर कर्ज उठाने की मंजूरी दी है। लेकिन, यह केवल एक साल के लिए होगा।

इसके आलावा वित्तमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने 20 करोड़ जन-धन खातों में पैसे डाले तथा राहत पैकेज़ से 12 लाख EPFO खाता धारकों को फायदा हुआ। 16,394 करोड़ सीधे खाते में ट्रांसफर किये गए और 6.81 करोड़ उज्जवला सिलेंडर बांटे गए।