पटना : राजगीर से गायत्री परिवार एक नए प्रकल्प की शुरुआत करने जा रहा है। वहां परिवार को विशाल भूखंड प्राप्त हुआ है जहां से दुनिया को एक बार फिर नालंदा का संदेश देने की तैयारी की जा रही है। अखिल विश्व गायत्री परिवार के अध्यक्ष प्रणव पंड्या ने पटना के बापू सभागार में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवा यदि अपनी शक्ति पहचान जाएं तो कुछ भी प्राप्त कर सकते हैं। गीता में अर्जुन की निराशा दूर करते हुए भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि उठो अर्जुन और नपुंसकता को त्याग दो और युद्ध करो। प्रणव पांड्या ने कहा कि बिहार की धरती बुध की धरती है, बिहार की धरती महावीर की धरती है, गुरुनानक देव और गुरु गोविंद सिंह की धरती भी बिहार ही रही है। बिहार के युवाओं और युवतियों में बहुत ताकत है। डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद और जय प्रकाश नारायण के नाम से बिहार को जाना जाता है। जय प्रकाश नारायण के आंदोलन में युवाओं की बड़ी भूमिका के बारे में सभी जानते हैं। राजेन्द्र प्रसाद ग्रामीण पृष्ठभूमि के युवा थे और उनसे सीखा की देश को पढ़े-लिखे ग्रामीण युवा के नेतृत्व से भी देश शिखर पर जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक अश्वमेध यज्ञ लखनऊ में हुआ था और1एक1विश्वमेध यज्ञ बिहार में भी हुआ था और उस समय माताजी ने कहा था कि मैं बिहार को गोद लेती हूं, उनके उसी संकल्प को हमने आगे बढ़ाने का काम किया है। भारत की मिट्टी ऐसी है जिसकी वजह से नवनिर्माण युगनिर्माण का कार्य संभव हो पाता है। उन्होंने कहा कि आज हम बहिर्मुखी तो हैं लेकिन अपने अंदर झांकना भूल गए और अपनी शक्ति को भी इसलिए नहीं पहचान पा रहे हैं।उपनिषद के एक श्लोक की चर्चा करते हुए कहा कि अपने आप से मन्त्रणा करो, अपने अंदर देखो फिर निराशा के दलदल से बाहर निकलकर बिहार के माध्यम से एक परिवर्तन लाया जा सकता है।
इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि यहाँ आकर बहुत खुश हूं। अभी देश में कुम्भ का माहौल चल रहा है और आज यहाँ युवाओं का जो महाकुम्भ दिख रहा है ,भारत को भारत बनाने की ताकत दिखाई देती है। ये युवा यहाँ किसी का भाषण सुनने नहीं आए हैं बल्कि आध्यत्मिकता की जो परंपरा रही है उसका जागरण करने आए हैं। राज्यपाल ने आज समाज मे दो धारा चल रही है एक धारा ऐसे युवाओं की है जो नशा करते हैं, मारपीट करते हैं, अपने सुख के लिए दूसरों का शोषण करते हैं । ऐसे युवा खुद तो गलत करते हैं दूसरों को भी गलत राह पर ले जाते हैं ।ये नरक का मार्ग है। वहीं दूसरी तरफ ऐसे युवा हैं जो सहज सुलभ चलते हैं सतविचारो और सत्कर्म का रास्ता अपनाते हैं। उन्होंने पंडित राम शर्मा की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके छोटे-छोटे लेख भी बहुत प्रेरक होते हैं । युवाओं को सही दिशा मिलेगी। आज यहाँ उपस्थित युवा को देखकर मन बहुत प्रसन्न है। इन युवाओं को देखकर शक्ति का और भक्ति दोनों का अहसास होता है। गायत्री परिवार के प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ, बिहार द्वारा आज राजधानी के बापू सभागार में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
(मानस दुबे)