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राहत पैकेज का आखिरी चरण भी रहा ऐतिहासिक, छात्र मजदूर व आम लोगों को मिलेगा फायदा: डॉ संजय जायसवाल

पटना: आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गयी घोषणाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करते हुए डॉ जायसवाल ने कहा “आज पांचवे चरण में मनरेगा के लिए अलग से 40 हजार करोड़ घोषणा की गयी जिसके बाद मनरेगा में मद में दी गयी राशि बढ़कर कुल 1 लाख 1 हजार करोड़ रु हो चुकी है। इन रुपयों से नये कार्य दिवसों का सृजन किया जाएगा, जिससे गांवों में किसी को भी मनरेगा के तहत मजदूरी मिलने में कोई परेशानी नहीं होगी। इसी तरह कॉरपोरेट सेक्टर में दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की कर्ज सीमा को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर दिया गया है वहीं अगले एक साल तक किसी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू नहीं करने का ऐलान भी किया गया है. इससे उन व्यवसायियों को काफी मदद मिलेगी जिनकी फैक्ट्रियां कोरोना के कारण बंद पड़ी हुई हैं और जो संकट के कारण नुकसान झेलने को विवश हैं।

डॉ जायसवाल ने कहा “ संकट के समय देश के किसानों, गरीबों, मजदूरों, छोटे उद्यमियों, कॉरपोरेट जगत आदि विभिन्न क्षेत्रों को इस सरकार ने जो आर्थिक मदद दी है, वह पूरे विश्व के समक्ष एक उदहारण है। यह दिखाता है कि किस तरह राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए इतनी विषम परिस्थिति का भी सदुपयोग किया जा सकता है। विभिन्न क्षेत्रों में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना, 200 करोड़ तक के टेंडर में कोई विदेशी कंपनी भाग नहीं ले सके इसके लिए प्रावधान करना, विभिन्न पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स खासकर अन्तरिक्ष, मेडिकल व परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में व्यवसायियों व उद्योग जगत को शामिल करना, बिहार व उत्तरप्रदेश आ रहे प्रवासियों के लिए दो महीने का राशन देना, उनके रेल से आने के खर्च में 85% राशि को वहन करना, वन नेशन व राशन कार्ड के तहत भारत के हर कोने में उनके लिए राशन की व्यवस्था करना जैसे उपाए, देश और समाज के प्रति सरकार की गंभीरता और सजगता को दर्शाते हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा “ इन घोषणाओं के बाद जो प्रवासी बिहार में वापस आ रहे हैं उन्हें इन योजनाओं के तहत मनरेगा में शामिल होने, अपने स्किल के हिसाब से आगे बढ़ने में और खेती-किसानी से जुड़े लघु कुटीर उद्योगों जैसे डेयरी, मधुमक्खी पालन जैसे व्यवसाय खुद से प्रारंभ करने में सहायता मिलेगी। छोटे-छोटे किसानों के लिए कृषि संबंधित अन्य व्यवसायों के मार्ग खुलेंगे।

भारत आत्मनिर्भर देश के तौर पर विश्व पटल पर छाएगा

वास्तव में यह किसानों, छोटे व्यवसायियों व अपना व्यवसाय प्रारंभ करने के इच्छुक युवाओं के लिए सबसे सही समय है कि अपना ध्यान खेती के साथ-साथ से कृषि आधारित उपक्रमों व अन्य उद्योगों पर लगाएं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा किये जा रहे उपायों व नागरिकों की एकजुटता से मुझे पूर्ण विश्वास है कि कोरोना महामारी के बावजूद भारत एक स्वस्थ, सुंदर विकसित और आत्मनिर्भर देश के तौर पर विश्व पटल पर छा जाएगा ।