पटना : हाल के चुनाव में करारी हार के बाद राजद में तेजस्वी के इस्तीफे की मांग जोर पकड़ने लगी है। हार की समीक्षा के लिए आज होने वाली राजद की बैठक से पूर्व वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने बड़ा बयान दिया। राजद में तूफान से पहले वाले सन्नाटे के बीच उन्होंने तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठा दिया। कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं ने लालू कुनबे के भीतर जारी विरासत की लड़ाई को इस करारी हार के लिए उत्तरदायी ठहराया। रघुवंश बाबू ने तो खुलकर कह दिया कि लालू यादव के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव और बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव के बीच के विवाद के कारण लोकसभा के चुनाव में पार्टी को भारी नुकसान हुआ। रघुवंश बाबू ने तो तेजप्रताप के विरुद्ध कार्रवाई की मांग भी कर डाली।
राबड़ी आवास पर आज चुनावी हार के बाद बैठक
मालूम हो कि आज लोकसभा चुनाव में मिली पराजय को लेकर पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर समीक्षा बैठक होगी। लेकिन इस बैठक से पूर्व ही राजद के बड़े नेता खुलकर अपने दर्द को बयां करने लगे हैं। मतलब साफ है कि तेजस्वी का नेतृत्व और लालू परिवार की कलह ने उनकी राह में बड़ा रोड़ा अटकाया। हालांकि भाई वीरेंद्र जैसे कुछ लालू भक्त नेताओं ने तेजस्वी का बचाव करते हुए कहा कि यह समय हामारे लिए अपने नेता के साथ खड़े होने का है। भाई वीरेंद्र ने तेजस्वी को हार के लिए कहीं से जिम्मेवार नहीं ठहराते हुए कहा कि हम सभी अपने—अपने क्षेत्र में लोगों तक अपनी बात नहीं पहुंचा पाए। स्पष्ट है कि इस ऐतिहासिक हार ने राजद के भीतर खेमेबाजी की जमीन भी तैयार कर दी है।
तेजस्वी—तेज की भूमिका और क्षमता पर सवाल
तेजप्रताप की हाल के चुनाव के दौरान जो भूमिका रही उसे लेकर भी राजद में भारी असंतोष के स्वर उभरे हैं। भाई वीरेंद्र और सुरेंद्र यादव जैसे लालू भक्त वरिष्ठ नेता तो इस हार के लिए तेजप्रताप यादव को ही सीधे—सीधे दोष दे रहे हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी को दो सीटों शिवहर और जहानाबाद में तो तेजप्रताप यादव के कारण ही हार मिलने की बात कही जा रही है। राबड़ी आवास पर आज होने वाली बैठक में तेजप्रताप और तेजस्वी की क्षमता पर काफी बहस होने की संभावना जताई जा रही है।