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राघोपुर में ऐश्वर्या और भोला राय से डरे तेजस्वी, रघुवंश बाबू की बली से बनेगी बात?

पटना : लालू परिवार के लिए अपनी राजनीतिक जमीन त्यागने वाले राघोपुर के पूर्व विधायक भोला राय के बगावती तेवर और तेजप्रताप की पत्नी ऐश्वर्या की तरफ से मिल रही चुनौतियों के दबाव में राजद गलती पर गलती करता जा रहा है। यहां तक कि तेजस्वी यादव ने इस चक्कर में पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता रघुवंश बाबू पर भी दांव लगा दिया। नतीजा, विधानसभा चुनाव से पहले ही पार्टी एक और बड़ी टूट की ओर चल पड़ी है। आइए जानते हैं कि ऐश्वर्या, भोला राय, रामा सिंह और रघुवंश सिंह का चौकोण किस प्रकार राजद को चार तरफ से दरकाने लगा है।

रामा सिंह में सबकी काट ढूंढ़ना तेजस्वी को पड़ेगा भारी

दरअसल सारा मामला राघोपुर की किलेबंदी से जुड़ा है। तेजस्वी यादव अपनी राघोपुर की सीट बचाने के लिए रघुवंश बाबू को कुर्बान करने पर तुले हुए हैं। राजद के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार राघोपुर में मामला तेजप्रताप की पत्नी ऐश्वर्या के पीड़ित वाले इमेज और भोला राय की बगावत के चलते विकट बन गया है। वहां यादव वोट राजद से नाराज है क्योंकि लालू परिवार के लिए अपनी राघोपुर सीट त्यागने वाले भोला राय को एमएलसी कोटे में एडजस्ट नहीं किया गया। साथ ही जिस तरह लालू की बहू ऐश्वर्या को लालू के घर से बेदखल किया गया उससे भी यादव जनमानस काफी नाराज है। इस सबकी भरपाई तेजस्वी वहां मौजूद 40—50 हजार राजपूत वोट से करना चाहते हैं। इसीलिए वे रघुवंश बाबू की बली देकर रामा सिंह को राजद में इंटर कराना चाह रहे।

तेजस्वी पीछे नहीं हटे तो राजद छोड़ देंगे रघुवंश सिंह

अब लालू कुनबे की मुश्किल ये है कि रामा सिंह के मुद्दे पर रघुवंश बाबू टस से मस होने को तैयार नहीं। रामा सिंह को आरजेडी में शामिल कराए जाने की खबर मात्र पर उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर आगे भी कभी पार्टी रामा सिंह को आरजेडी में शामिल करना चाहती है तो वो इससे भी कोई बड़ा फैसला लेने को मजबूर हो जाएंगे।

भाजपा के राजपूत वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश

इधर राघोपुर में भोला राय के बगावती तेवर से परेशान तेजस्वी रामा सिंह पर दांव लगा राजपूतों के 40—50 हजार वोट को अपने पाले में लाने की जुगत भिड़ा रहे हैं। राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में करीब 40 से 45 हजार राजपूत वोटरों की संख्या है जो शुरू से ही आरजेडी के खिलाफ वोट करती रही है। तेजस्वी यादव बीजेपी के इसी कैडर वोटबेंक में अब सेंधमारी करना चाहते हैं। तेजस्वी यादव के पास जो रामा सिंह को लेकर फीडबैक है उसके मुताबिक रामा सिंह राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के बिदुपुर इलाके में राजपूत वोटरों को आरजेडी के लिए गोलबंद कर सकते हैं। बिदुपुर के करीब 20 पंचायतों में तकरीबन 20 से 22 हजार राजपूत वोटरों की संख्या है। इसी वोटबैंक पर तेजस्वी की नजर है।

ऐश्वर्या से हुए अन्याय से खफा है यादव जनमानस

एक और सूचना है कि लालू परिवार के सदस्य जहां—जहां भी अगले विधानसभा चुनाव में उतरेंगे, वहां—वहां तेजप्रताप की पत्नी ऐश्वर्या और उनके परिवार के सदस्य यादवों से अपने लिए इंसाफ की गुहार लगाते हुए चुनाव में उतरेंगे। ऐसी स्थिति में तेजस्वी यादव को इस बात का भी डर सता रहा है कि कहीं इस बार ऐश्वर्या राय उनके खिलाफ राघोपुर से चुनाव न लड़ लें। साफ है कि तब ऐश्वर्या किसी भी तरह से यादवों का ही वोट काटेंगी और अगर ऐसा हुआ तो फिर तेजस्वी को चुनाव में भारी नुकसान भी हो सकता है।

राघोपुर का चुनावी गणित बना परेशानी का सबब

एक आंकड़े के मुताबिक, राघोपुर में कुल वोटरों की संख्या अनुमानित 3 से सवा 3 लाख के करीब है। इसमें अकेले 1 लाख 5 हजार यादव वोटरों की संख्या है। अब तक यादवों ने किसी भी तरह से लालू परिवार से खड़े हुए उम्मीदवारों को ही वोट किया है। लेकिन अगर ऐश्वर्या यहां से ताल ठोकती हैं और दूसरी तरफ भोला राय जैसे स्थानीय नेता का उन्हें साथ मिलता है तो इसकी संभावना ज्यादा है कि यादवों का वोट लालू परिवार के खिलाफ जाएगा। ऐसे में तेजस्वी इसकी भरपाई के लिए बीजेपी के कैडर वोट में सेंधमारी करने के लिए रामा सिंह जैसे फार्मूले का प्रयोग करना चाहते हैं।