रायपुर : छत्तीसगढ़ में एनएच—53 पर महासमुंद से 135 किमी दूर 150 परिवारों का एक गांव है। मजूदा चुनाव इस छोटे से गांव के लिए मुसीबत बन गया है। यहां के लोग डरे हुए हैं। दरअसल, गांव का नाम ‘राफेल’ है। उधर मौजूदा चुनावों में राफेल मुद्दे को लेकर भाजपा तथा कांग्रेस के बीच तीखी जंग ठनी हुई है। गांव वालों को कुछ दिनों पहले प्रचार में आये कुछ कांग्रेस समर्थकों ने कह दिया कि यदि उनकी सरकार बनी तो सभी को जेल में डाल दिया जाएगा। इसलिए वोट सोच—समझकर डालना। अब गांववालों के लिए उनके गांव का नाम राफेल होना ही मुसीबत का सबब बन गया है। इससे राफेल गांव के निवासी आस-पास के इलाकों में हंसी का पात्र बने हुए हैं। अगल—बगल के गांववाले यहां के लोगों की खूब मौज ले रहे हैं। वे उनसे पूछते हैं कि क्या कांग्रेस की सरकार आएगी तो राफेल गांव के सभी निवासियों की जांच कराई जाएगी।
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क्या कहते हैं राफेल के निवासी
राफेल गांव के बड़े—बूढ़ों का कहना है कि हामरा गांव चुनाव के दौरान चर्चा में आ गया है, लेकिन चर्चा में आने से क्या मिला? उल्टे हमारे लिए भारी मुसीबत पैदा हो गई है। कभी प्रधानमंत्री या कांग्रेस अध्यक्ष यहां आते तो गांव को भी कुछ फायदा होता। आज यहां प्रचार का आखिरी दिन है। पर गांव वाले बताते हैं कि कोई भी उम्मीदवार यहां प्रचार के लिए नहीं आया। भाजपा के कुछ कार्यकर्ता जरूर आए थे। गांव वाले कहते हैं कि प्रधानमंत्री जो भी बने, हमें तो सिंचाई की सुविधा चाहिए। अभी बारिश के भरोसे खेती होती है। किसान परिवारों को मजदूरी के लिए बाहर जाना पड़ता है।