प्रवासी पक्षियों से गुलजार हुआ त्रिवेणी संगम तट का पिपराघाट
मधुबनी : कोरोना महामारी के संक्रमण की रोकथाम के लिए विश्व के कई देशों में लॉकडाउन लगाया गया है। जिसके कारण लोग अपने घरों में कैद है, फैक्ट्री व अन्य कल कारखाने बंद है परिवहन के सभी माध्यमों को भी बंद कर दिया गया है। जिसके कारण प्रकृति में कई अनुकूल बदलाव देखने को मिल रहे है मधुबनी में प्रवासी पक्षियों के कलरव व उसकी चहचहाहट से इन दिनों पिपराघाट त्रिवेणी नदी का संगम तट गुंजित हो उठा है, कई वलुप्त प्रजातियां देखने को मिल रही है। वातावरण शुद्ध हो गया है। वायु प्रदुषण में काफी हद तक कमी आयी है। नदियों का पानी साफ़ हुआ है। मछलियां व अन्य जलीय जीव किनारो पर अटखेलियां करती नज़र आ रही है।
प्रवासी पक्षियों के कलरव व उसकी चहचहाहट से इन दिनों पिपराघाट त्रिवेणी नदी का संगम तट गुंजित हो उठा है। मानों नदी की सुंदरता लौट आई हो। इन प्रवासी पक्षियों के लिए वातावरण अनुकूल बन गया हो। यूं तो यहां प्रत्येक वर्ष नवंवर माह में हजारों किमी की दूरी तय कर साइबेरियन पक्षियों का आगमन होता रहा है, जो ठंड के ढलते ही फरवरी में वापस हो जाते थे। मगर, विगत पांच-सात वर्षों में इन पक्षियों का आगमन नगण्य रहा। इसका कारण मौसम की प्रतिकूलता बताया जाता रहा। मगर, विगत तीन दिनों से कमला बलान एवं सोनी नदी के त्रिवेणी संगम तट पर सैकडों प्रवासी पक्षियों का झुंड उमड़ पड़ा है। अपने कलरव से मौसम को खुशनुमा बना रहा है।
कोई इसे सिल्ली तो कोई लालसर या कुछ अलग बता रहे हैं। जो निरंतर नदी के बीच टीले पर रहकर फुदक-फुदककर आहार चुनते देखे जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि कोरोना के कारण जारी लॉकडाउन में नदी किनारे शोरगुल कम हुआ है। साथ ही नदियों का पानी भी शुद्व व अविरल है। पानी की इस शुद्वता से इन पक्षियों को नदी में अपना आहार चुनने में सहूलियत होती है। साथ ही वन विभाग, मनरेगा व लोगों द्वारा निजी व सरकारी जमीन पर पौधरोपण से इनके ठहराव में उपयुक्त साबित होते हैं। प्रवासियों पक्षियों के इस आगमन को लोग शुभ संकेत मान रहे हैं। मालूम हो कि दो माह पूर्व इस नदी के किनारे आधे दर्जन से अधिक विलुप्तप्राय पक्षी गिद्ध भी देखे गए थे। इसके अतिरिक्त डकहर, गौरेया, दिघौच व अन्य पक्षी भी देखे जाते हैं।
100 वर्षों के बाद ऐसा हुआ है जब सीतामढ़ी से हिमालय दिखा हो। इसका कारण वायु प्रदुषण में आयी कमी को बताया जा रहा है, सीतामढ़ी से सुदूर नेपाल में स्थित हिमालय की बर्फीली साफ़ दिख रही है। ऐसे ही कई नज़ारे विश्व के कई देशों में देखने को मिल रहे है।
सुमित राउत
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