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प्रवासियों का हुजूम रेलवे की नई मुसीबत, बिहारी इन नंबरों पर करें संपर्क

पटना/नयी दिल्ली : कोरोना संकट के इस घड़ी में प्रवासी मजदूरों और छात्रों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाकर केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ी राहत दी है। बिहार के लिए भी विभिन्न राज्यों से स्पेशल ट्रेनें चलने लगी हैं जो अगले दो—तीन दिन तक चलेंगी। लेकिन इस सबके बीच रेलवे के लिए एक अजीब मुसीबत पैदा हो गई है। लोग खुद-ब-खुद रेलवे स्टेशन की तरफ बढ़ने लगे हैं। रेलवे ने सभी प्रवासियों से अपील की है कि वह अपने आप स्टेशन नहीं पहुंचें। पहले अपने राज्य सरकार के अधिकारियों से संपर्क करें और उनके निर्देश पर ही स्टेशन पहुंचें। क्योंकि कहां के लिए ट्रेन चलेगी इस बारे में फैसला राज्य सरकार को ही लेना है। राज्य सरकार की तरफ से जैसा निर्देश आएगा उसी के अनुरूप गाड़ियां चलेंगी। इधर बिहार सरकार ने नोडल अधिकारियों की सूची जारी की है जिनसे संपर्क कर यात्रा के लिए आवेदन कर सकते हैं

रेजिडेंट कमिश्नर से करें संपर्क, बिहार के लिए ये है नंबर

रेलवे अधिकारी का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले प्रवासी मजदूर, विद्यार्थी और फंसे हुए पर्यटक रेलवे स्टेशन आने से पहले अपने राज्य के रेजिडेंट कमिश्नर के ऑफिस में फोन करके पता कर ले। प्रवासियों ने यदि वहां अभी तक पंजीकरण नहीं कराया हो तो पंजीकरण भी करवा लें, ताकि इसी आधार पर गाड़ियां चलाई जा सकें। बिहार सरकार ने राज्य के प्रवासी श्रमिकों के लिए नोडल अधिकारियों की एक सूची जारी की है इस सूची में उनका टेलिफोन नंबर भी दिया गया है। जहां भी जो प्रवासी फंसे हो वह पहले इन अधिकारी से संपर्क करें उसके बाद ही स्टेशन जाने का फैसला करें।

इन बातों पर छात्र—मजदूर दें ध्यान, तभी कर पायेंगे यात्रा

केंद्र सरकार ने कल शुक्रवार से ही अलग-अलग राज्यों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की अनुमति दी है। इस तरह से अब अगले दो—तीन दिनों तक इन स्पेशल ट्रेनों में यूपी, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों के प्रवासी मजदूर ट्रेन के माध्यम से अपने घरों को जा सकेंगे, मगर इसके लिए उन्हें कुछ जरूरी जानकारी रखना जरूरी है। सबसे अहम जानकारी यह है कि प्रवासी मजदूरों की घर वापसी में संबंधित दोनों राज्यों की सहमति जरूरी है। यानी जिस राज्य में प्रवासी रह रहा है और जहां उसका घर है।

यात्रियों की बनेगी लिस्ट, इसके बाद ही यात्रा की इजाजत

इन विशेष ट्रेनों में वैसे ही यात्री सफर कर पाएंगे, जिनका रजिस्ट्रेशन हुआ है। यानी प्रवासियों के लिए चलने वाली स्पेशल ट्रेन में सफर करने वाले लोगों की एक लिस्ट तैयार की जाएगी और इसी के अनुसार इसमें लोग सफर करेंगे। प्रवासी मजदूरों और स्‍टूडेंट्स आदि को अपने गृह राज्‍य में इसके लिए आवेदन करना होगा। राज्य सरकार संबंधित राज्य में नोडल अधिकारी नियुक्त करेगी और नोडल ऑफिसर जो सूची तैयार करेंगे, वही रेलवे को सौंपी जाएगी। रेलवे फिर उन सभी यात्रियों को सूचना देगा ताकि समय पर स्टेशन पर लोग पहुंच सकें। जिनका लिस्ट में नाम होगा, उन्हें ही सफर करने दिया जाएगा।

टिकट लेने की जरूरत नहीं, जांच के बाद घर वापसी

स्पेशल ट्रेन में सफर करने वाले प्रवासी यात्रियों को टिकट लेने की जरूरत नहीं है। ट्रेन में सफर करने से पहले प्रवासियों की स्क्रीनिंग की जाएगी, जिसका इंतजाम स्टेशन पर ही होगा। जब यात्री कोरोना की स्क्रीनिंग में सही पाया जाएगा तो उसे ट्रेन में बैठने दिया जाएगा। अगर जांच के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है तो फिर यात्री को उसी वक्त अस्पताल भेज दिया जाएगा। यानी उसकी घर वापसी फिर क्वारंटाइन अवधि पूरा किए बैगर नहीं होगी।