शुक्रवार की छुट्टी पर NDA में सियासत शुरू, किसी के कहने पर नहीं होगा बदलाव

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पटना : बिहार की राजनीतिक गलियारों में इन दिनों एक मुद्दा काफी जोर पकड़ा हुआ है। दरअसल, राज्य के मुस्लिम बहुल सीमांचल के इलाकों में करीब 500 स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी होने पर एनडीए नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है। एक तरफ जहां भाजपा इसे गलत बता रही है, तो वहीं दूसरी तरफ जदयू नेता इसे सही ठहरा रहे हैं। इसी कड़ी में जीतनराम मांझी की पार्टी ‘हम’ ने भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने कहा है कि बिहार के सरकारी स्कूलों में जिस तरह से पढ़ाई चल रही है उसी तरह चलेगी, किसी के कहने पर उसमें कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। अगर उर्दू स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी हो रही है तो किसी और के पेट में दर्द क्यों हो रहा है। जिन लोगों को ऐसा लग रहा है कि बिहार के स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी हो रही है तो यही सवाल जम्मू-कश्मीर में क्यों नहीं पूछते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के सभी स्कूल-कॉलेजों में शुक्रवार को ही छुट्टी होती है।

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हम नेता दानिश रिजवान ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार में न्याय के साथ विकास का काम हो रहा है। सरकार का मुख्य एजेंडा बच्चों को शिक्षा देना है। बच्चे अगर शुक्रवार को स्कूल नहीं आ रहे हैं तो स्कूल खोलने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार के स्कूलों में हफ्ते में 6 दिन पढ़ाई सुनिश्चित है। बिहार के स्कूलों में पढ़ाई को जो नियम है वही रहेगा, किसी के कहने पर कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है।

जानकारी हो कि, इससे पहले जदयू के तरफ पार्टी के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर बेवजह विवाद खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा है कि सिर्फ उर्दू स्कूलों में ही शुक्रवार को छुट्टी नहीं रहती है, बल्कि संस्कृत महाविद्यालयों में भी अष्टमी और प्रतिपदा को छुट्टी होती है।

गौरतलब हो कि, इससे पहले भाजपा के नेताओं ने कहा था कि यदि सरकारी छुट्टियां धर्म के आधार पर नहीं होती हैं, अगर ऐसा होता है तो इसे वापस लेना चाहिए। जिसके बाद इसको लेकर एनडीए में आपस में ही घमासान मचा हुआ है।

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