प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए उमड़े लाखों मुसलमान
पटना/नयी दिल्ली : इंदौर में दाउदी बोहरा कमेटी द्वारा आयोजित इमाम हुसैन की बरसी में आज प्रधानमंत्री मोदी ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित थे। दाउदी बोहरा कमेटी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कमेटी के प्रमुख सैदना मुफ्फदल सैफुद्दीन ने प्रधानमंत्री का जोरदार स्वागत किया। इस आयोजन में लाखों मुसलमानो ने हिस्सा लिया। पूरे कार्यक्रम में लाखों की भीड़ मोदी से हाथ मिलाने के लिए उतावली हो रही थी।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में दाउदी बोहरा समुदाय के लोगों के बारे में कहा कि यह समाज अपने ईमानदारी, अनुशासन और कानून में आस्था के लिए जाना जाता है। मोदीजी ने बताया कि गुजरात का कोई भी ऐसा गांव नहीं होगा जिसमें यह समुदाय व्यवसाय नहीं करता हो। उन्होंने गुजरात में अपने मुख्यमंत्री काल के दौरान इसी समुदाय से आने वाले अपने असिस्टेंट का भी जिक्र किया। और कहा कि इनकी ईमानदारी पर शक नहीं किया जा सकता। क्योंकि इस समाज से इनका पुराना रिश्ता है। मोदी ने यह भी कहा कि बोहरा समाज शांति ,सद्भाव ,सत्याग्रह और राष्ट्रभक्ति के लिए जाना जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के राजनीतिक मायने
बोहरा समाज के 35 हजार लोग इंदौर, साढ़े चार लाख लोग मध्यप्रदेश और 20 लाख देशभर में रहते हैं। इसी साल मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों की वजह से प्रधानमंत्री के इस दौरे को परोक्ष रूप से राजनीतिक फायदे और चुनावी कैंपेन से जोड़कर देखा जा रहा है।
बोहरा समाज ने एक दिन नहीं किया मांसाहार
वाअज के दूसरे दिन बोहरा समाज के दो लाख लोगों ने श्वेतांबर जैन समाज के आग्रह पर पर्युषण पर्व के आखिरी दिन गुरुवार को शाकाहार भोजन ही किया। ऐसा पहली बार हुआ जब किसी धर्म के आग्रह को दूसरे धर्म के प्रमुख गुरु ने स्वीकार किया। बोहरा भाइयों ने आज एक दिन मांसाहार से परहेज किया।
कौन हैं बोहरा मुसलमान
बोहरा समाज आम मुस्लिमों से कुछ अलग होता है। इस समाज में काफी पढ़े-लिखे लोग हैं। इनकी आबादी देश में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कोलकाता, चेन्नई आदि स्थानों पर प्रमुख रूप से है। बताया जाता है कि बोहरा शिया और सुन्नी दोनों होते हैं। दाऊदी बोहरा शियाओं से समानता रखते हैं। वहीं सुन्नी बोहरा हनफी इस्लामिक कानून को मानते हैं। देश में 20 लाख से ज्यादा बोहरा समुदाय की आबादी है। बोहरा समुदाय के लोग विदेशों में भी खूब रहते हैं। पाकिस्तान, यूएसए, दुबई, अरब, यमन, ईराक आदि देशों में भी इनकी आबादी फैली है। सैय्यदना जो बनता है, उसी को बोहरा समाज अपनी आस्था का केंद्र मानता है। बोहरा समाज पर्यावरण के क्षेत्र में अच्छे काम ही नहीं बल्कि समाजसेवा के लिए भी जाना जाता है। यह काम ट्रस्ट के जरिए किया जाता है। महाराष्ट्र में बोहरा समाज की दावते हादिया नामक एक ट्रस्क की संपत्ति हजार करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है। गुजरात सहित कई राज्यों में बोहरा समाज के ट्रस्ट संचालित हैं।
(राजीव राजू)