पटना : अब आपकी सारी आवश्यकताएं मशीन पूरा करेगी। सेंसर और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से जीवन की तमाम जरूरतें आपसे पहले आपके मशीन को पता चल जाएगी। घर बैठे आपको सारी ट्रेनिंग मिल जाएगी, उसके लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अब तक दुनिया में तीन रेवोल्यूशन हो चुके हैं। औऱ अब चौथे दौर का रेवोल्यूशन चल रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए आज पीएचडीसीसी ने 4.0 पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया। पीएचडीसीसी के डायरेक्टर डॉ जितेंद्र सिंह ने आज ये जानकारी देते हुए बताया कि पहले रेवोल्यूशन में स्टीम इंजन का अविष्कार हुआ था। जिससे उस समय इंडस्ट्री का बड़े पैमाने पर विकास हुआ था। दूसरे रेवोल्यूशन में बिजली का उत्पादन शुरू हुआ और गाड़ियां बनने लगीं तो और विकास होने लगा। तीसरे रेवोल्यूशन में कम्प्यूटराइजेशन हुआ जिसके चलते बैंकिंग और इंडस्ट्री सहित कई क्षेत्रों में व्यापक विकास होने लगा।
आज चौथे दौर में होने की वजह से बदलती टेक्नोलॉजी की जानकारी होना बहुत आवश्यक है। फोर्थ रेवोल्यूशन को साइबर फिजिकल सिस्टम भी कहा जाता है। इसमें मशीन आपस में बात करके तालमेल बैठाकर उत्पादन का काम कर रही है। उन्होंने बताया कि इस टेक्नोलॉजी की शुरुआत जर्मनी से हुई औऱ अब धीरे-धीरे पूरी दुनिया मे इसको अपनाया जा रहा है। आज दुनिया में भारत सबसे तेजी से आर्थिक प्रगति कर रहा है और इसकी यह गति बनी रहे इसके लिए भारत में भी इस टेक्नोलॉजी को बहुत तेज़ी से अपनाया जा रहा है। भारत आज पूरी दुनिया में मैनुफैक्चरिंग हब के रूप में भी जाना जाता है। लेकिन अब उससे भी आगे स्मार्ट मैनुफैक्चरिंग की तरफ जाना होगा। डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने ये भी बताया कि भारत में जितने भी बड़े उत्पादक हैं वो सब के सब स्मार्ट मैनुफैक्चरिंग की तरफ जा रहे हैं। लेकिन इन लोगों से जुड़े हज़ारों हज़ार वेंडर हैं जिन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है। अतः उन्हें भी इसकी जानकारी हो, इसके लिए यह वर्कशॉप किया गया है।सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योग को बताने के लिए भी यह अयोजन है। डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने बताया कि 8 बिन्दु ऐसे हैं जो बहुत ही महत्वपूर्ण हैं इस टेक्नोलॉजी को समझने के लिए।
मानस दुबे
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