पटना : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि बिहार की जनता ने इस उपचुनाव में लालू यादव और तेजस्वी यादव दोनों को नकार दिया है। यह राजद के साथ-साथ लालू परिवार की हार है।
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राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला से सजायाफ्ता रहते हुए इलाज के नाम पर जो जेल से बाहर आए हैं। और इलाज के बाद पटना पधारे और एक दलित एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रभारी को बकलोल जैसे शब्द से नवाजा, उसी समय बिहार की जनता समझ गई कि बिहार में यह पूरा परिवार पुनः”अराजकता” का दौर जारी कर देगा। इसलिए बिहार के जनता ने उनको खारिज कर दिया और विकास को अपना वोट देकर की सरकार चलाने का आदेश दिया है।
अरविन्द ने कहा है कि बिहार की जनता, विनाश से नहीं, सियासी नौटंकी से नहीं, परिवारिक नौटंकी से नहीं चलती है बल्कि विकास करके बिहार के जनता का दिल जीतना पड़ता है। बिहार के जनता भलीभांति समझती है कि कौन दल कौन नेता बिहार का विकास करेंगे।
इसके साथ ही जनता जानती है कि बिहार में कौन रोजगार देगा, स्वास्थ्य की चिंता करेगा, खेती किसानी की चिंता करेगा, सड़क की चिंता करेगा, और कानून की चिंता करेगा।
राजद सुप्रीमो का बिहार आकर के किसी भी दल के बड़े नेता को बकलोल कहना, भकचोन्हर कहना, और इस तरह से आपस में परिवारिक विवाद करके लोगों का वोट लेना जात पात, किसी जात को अपमानित कर देना, किसी धर्म का अपमान कर देना, यह इनकी परिवारिक सियासी चाल है। इस चाल को बिहार की जनता समझ गई कि ऐ विकास नहीं विनाश के राह वाले लोग हैं। इसलिए एनडीए पर पूरा भरोसा करके उपचुनाव में बिहार की जनता ने जीत दिलाई है।
बिहार की जनता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पहले ही नकार चुकी है, और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को इस उपचुनाव में नकार दिया है। अब सिर्फ राजद में एक ही नेता बच गए हैं, आदरणीय श्री तेज प्रताप जी बिहार के जनता को उनको राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में देखना है।