पलिया और रामनगर के बीच बाघ के चहलकदमी की आशंका , संध्या में घर से बाहर नहीं निकलने की हुई अपील
गोबर्द्धना : बीते चार दिनों से वीटीआर जंगल से बाहर आकर रामनगर के रिहायशी क्षेत्र में चहलकदमी करते बाघ की पूरे दिन ताजी गतिविधि नहीं मिल सकी। इसकों लेकर वन विभाग की मुश्किल और बढ़ चुकी है। अब वे खतरे को लेकर काफी चौकन्ना है।
पलिया के आसपास के गांवों में अलर्ट रहने को लेकर वाहनों पर लाउडस्पीकर से मुनादी भी करा रहे है। इसमें आधा दर्जन गांवों के लोगों को अपने घर में ही बंद रहे अपील हुई। और अपने पालतू पशुओं को बाहर नहीं निकाले। इनमे जुड़ा, पलिया व इसके समीप के गांव शामिल रहे।
बाघ की खोजबीन में लगी टीम की मॉनिटरिंग वीटीआर प्रमंडल के डीएफओ अंबरीश मल्ल ने खुद से आकर किया। इस बाबत रघिया रेंजर रहीमुद्दीन अहमद ने बताया कि रघिया, गोबर्द्धना, मंगुराहा वन प्रक्षेत्र की पांच रेस्क्यू दल ट्रैकिंग कर रहे है।
टीम को अंतिम बार पलिया गांव तक जाने और वहां से लौटने के पगमार्क जो शुक्रवार ट्रेकिंग में मिले। शनिवार को उसी के इर्द गिर्द और रामनगर के पश्चिम में स्थित मसान नदी के आसपास जायजा लिया गया। नहर में उसने पानी पिया है। फिर वही से वापस मसान की तरफ पूरब दिशा में वापस मुड़ गया है। गौरतलब है कि मंगलवार को वीटीआर जंगल से निकले एक बाघ ने इमरती कटहरवा में हमला कर दिया। इसके बाद उसके अगल बगल के आधा दर्जन गांवों में दहशत का माहौल रहा।