विपक्ष शासित राज्यों ने नहीं घटाये पेट्रोल-डीजल पर वैट, सिर्फ महंगाई पर की राजनीति- सुमो
पटना : कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिन देश के अलग-अलग राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने राज्यों से पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट को कम करने की बात कही थी। बावजूद इसके अभी तक किसी राज्य ने वैट को कम नहीं किया है।
इसी मसले पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री वर्तमान में राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि पेट्रोल-डीजल की मूल्य वृद्धि पर छाती पीटने वाले विपक्षी दलों ने अपने शासन वाले राज्यों में इस पर वैट में कोई कमी नहीं कर दोहरा रवैया अपनाया। कांग्रेस शासित राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर सर्वाधिक 31.08 फीसद वैट के अलावा इस पर सेस भी वसूला जाता है।
सुमो ने अन्य ट्वीट में कहा कि भाजपा शासित हरियाणा में पेट्रोल-डीजल पर सबसे कम वैट 18 और 16 फीसद है। राजद महंगाई पर बोलने से पहले राहुल गांधी और ममता बनर्जी से बात कर उन राज्यों में वैट कम कराये, ताकि जनता को राहत मिले। अन्तरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्य वृद्धि और युक्रेन-रूस युद्ध के कारण जब भारत में भी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े, तब केंद्र सरकार ने इन वस्तुओं पर पिछले नवंबर में उत्पाद शुल्क घटा कर जनता को राहत दी। एनडीए शासित बिहार और भाजपा-शासित राज्यों ने भी वैट घटा कर पेट्रोल-डीजल के दाम कम रखने की पहल की। दूसरी तरफ कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी जैसे विपक्ष शासित राज्यों ने वैट में कोई कमी नहीं की।
सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर वैट 14.50 रुपये से 17.50 रुपये प्रति लीटर तक है, जबकि विपक्ष शासित राज्य 26 रुपये से 32 रुपये प्रति लीटर तक कर वसूल रहे हैं। विपक्ष जनता पर बोझ कम करना नहीं, बल्कि इस मुद्दे पर केवल राजनीति करना चाहता है।