गया: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने आज अहले सुबह शहर के विष्णुपद मंदिर प्रांगण में अपने समस्त पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया। वे शनिवार की देर रात्रि गया पहुंचे थे। उनके साथ उनकी पत्नी अनु डोभाल भी मौजूद थीं। उन्होंने पूरे धार्मिक विधि विधान से पिंडदान के कर्मकांड को पूरा किया।
शहर के प्रख्यात सिजुआर स्टेट के गयापाल पंडा द्वारा पिंडदान कर्मकांड को पूरा कराया गया। पंडित रामानुज पांडेय ने वैदिक रीति रिवाज से पिंडदान की प्रक्रिया को पूरा कराया। डोभाल ने पिंडदान कर्मकांड को पूरा करने के बाद मोक्षदायिनी अन्तःसलिला फल्गु नदी में पिंड का विसर्जन किया। इसके बाद वे माड़नपुर मोहल्ला पहुंचे जहां उन्होंने वट वृक्ष अक्षयवट को साक्षी मानकर पिंडदान के कर्मकांडों का सुफल लिया।
हालांकि इस दौरान मीडियाकर्मियों ने उनसे बात करनी चाही। लेकिन उन्होंने मीडियाकर्मियों से कुछ ज्यादा बात नहीं की। सिर्फ इतना ही कहा कि वे गया पहली बार नहीं आए हैं। इससे पहले भी हम गया आ चुके हैं। अजीत डोभाल के आगमन को लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे।
इसके बाद डोभाल बोधगया के लिए रवाना हो गए। बोधगया स्थित विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर में पूजा अर्चना एवं दर्शन करने के बाद वे विशेष विमान से गया अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
(अखिलेश कुमार)