पटना : महागठबंधन द्वारा 30 जनवरी को आयोजित मानव शृंखला के बारे में विशेष जानकारी देते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर एक बार फिर जोरदार हमला बोला है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि मानव शृंखला की तैयारी पूरी कर ली गई है। राज्य के हर जिले में कोआर्डिनेशन कमिटी बनी है। उन्होंने आगे बताया कि आज 19 पार्टियों ने राष्ट्रपति के भाषण का बहिष्कार किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसान को पता है कि उनका हित किसमें है। फिर सरकार किस मजबूरी में किसानों पर कानून थोप रही।
इसके आगे उन्होंने कहा कि अन्नदाता को जो सम्मान मिलना चाहिए वो इस कानून में नही। ये कानून अन्नदाताओ के लिए नही फण्डदाताओं के लिए बना है। इस कारण हम किसानों के साथ शुरू से खड़े हैं।
तेजस्वी ने कहा कि जब राज्य में राजद की सरकार थी तो किसानों को एमएसपी से ज्यादा पैसे दिए जाते थे। लेकिन मालूम नहीं नीतीश कुमार किसान कानून पर चुप क्यों है। क्या मजबूरी है नीतीश कुमार की।
2006 के बाद बिहार के किसानों को फायदा हुआ या नुकसान नीतीश सरकार को बताना चाहिए। उन्होंने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं।
नीतीश कुमार कुर्सी बचाओ अभियान में लगे हैं। उनकी कोई योजना जमीन पर नही है । लोग सड़क पर हैं पुलिस लाठी बरसा रही है। इसके बाबजूद मंत्री का बस एक ही काम है जोड़तोड़ में लगे रहना।
जिसकी कोई भी नीति या शिद्धान्त ना हो उसके बारे में क्या बात करना
साथ नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि जिसकी कोई भी नीति या शिद्धान्त ना हो उसके बारे में क्या बात करना। हम अपना कर्तव्य निभा रहे। लेकिन चोर दरवाजे से आई सरकार कुछ नही कर रही है।
नीतीश कुमार की सरकार में जनता भूखे नंगे है सड़क पर है। लेकिन नीतीश कुमार कुछ नही कर रहे। नीतीश कुमार समाजवादी नेता हैं ये यकीन ही नही हो रहा है। गजब का पलटीमार हैं।उनकी सरकार में कोई कॉन्फिडेंस नही है आजकल जो गतिविधियां चल रही है उससे यहीं मालूम चलता है।
साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा ने जवान और किसान के बीच लड़ाई लड़वा दी है। जवान किसान परिवार से आते हैं। वो भी नाराज हैं। बिहार में किसानों की स्थिति खराब है। यहां के किसान पलायन को मजबूर होते हैं। धान गेहूं की खरीद भी अभी तक नही हुई है।
तेजस्वी ने कहा कि कल हम मानव शृंखला बनाएंगे। आगे भी कार्यक्रम जारी रहेगा। किसान के समर्थन से हम पीछे नही हटनेवाले। हमे उम्मीद है कि पंजाब हरियाणा की तर्ज में बिहार के किसान भी आगे आएंगे।