मोतिहारी कांड के बाद बैकफुट पर नीतीश, अब जहरीली दारू से मौत पर 4 लाख

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पटना : पूर्वी चंपारण में जहरीली शराब से अब तक 34 लोगों की मौत के बाद नीतीश सरकार बैकफुट पर आ गई है। मुख्यमंत्री नीतीश ने मोतिहारी में जहरीली शराब पीने से मरने वालों के परिवार को 4-4 लाख मुआवजा का ऐलान किया है। यह राज्य सरकार की शराब नीति में सीएम नीतीश के अब तक के स्टैंड में बड़ा बदलाव है। मुख्यमंत्री ने आज सोमवार को कहा कि यह मुआवजा वर्ष 2016 से ही लागू किया जाएगा और तब से अब तक जहरीली शराब से पीड़ित सभी परिवारों को 4—4 लाख दिये जायेंगे।

पटना में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मोतिहारी की घटना पर बहुत दुख हुआ। हम लोगों ने निर्णय लिया है कि अब तक जहरीली शराब के जितने भी मृतक हैं उन सभी के परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार लाख मुआवजा दिया जाएगा। लेकिन इसके पीड़ित परिजनों को डीएम के यहां लिखकर देना होगा कि मरने वाले ने शराब पी जिससे उसकी मौत हुई। साथ ही उसने कहां से शराब ली, किससे ली यह बताना होगा और उस व्यक्ति का पता भी देना होगा।

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बिहार में 2016 से ही शराबबंदी लागू है और तभी से लगातार जहरीली शराब से मौत के मामले भी बढ़ने लगे। रोक के बावजूद बिहार में शराब चोरी छिपे बिकती—मिलती रही। पुलिस और सरकार कोशिश के बाद भी दारू के धंधे को पूरी तरह रोक नहीं पाई। अब तक ऐसी मौतों पर नीतीश कड़ा स्टैंड लेते रहे हैं। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चूंकि चुनाव सामने आ रहे हैं तो मुआवजे के इस फैसले पर ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री अपने स्टैंड से मजबूरन पीछे हट रहे हैं।

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