अंतर्राष्ट्रीय स्तर के चिकित्सा छात्रों के शोध के लिए एनबीई देगी फैलोशिप: अश्विनी कुमार चौबे
पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) अंतर्राष्ट्रीय स्तर के चिकित्सा छात्रों के शोध ज्ञान को बढ़ाने के लिए फेलोशिप प्रदान करेगी। राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस के मौके पर फ़ेलोशिप प्रोग्राम फॉर इंटरनेशनल स्टूडेंट्स का शुभारंभ किया गया है। बोर्ड की यह एक बड़ी पहल है। जिससे चिकित्सा छात्रों के लिए एक बहुत बड़ा मौका उपलब्ध कराएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन एवं केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने बोर्ड एवं मंत्रालय के आला अधिकारियों के साथ फेलोशिप से संबंधित विवरण पुस्तिका का लोकार्पण किया तथा बेहतर पहल के लिए बोर्ड के अधिकारियों को बधाई दी। इस अवसर पर चिकित्सा प्रशिक्षुओं के मरीजों के प्रति व्यवहारिक ज्ञान को बढ़ाने के लिए बोर्ड द्वारा प्रकाशित पुस्तिका ‘गुड क्लीनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइंस’ का भी लोकार्पण किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने आशा व्यक्त की, कि इस दिशा में यह पुस्तिका बहुत ही उपयोगी साबित होगा।
डॉक्टरों के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है
मंत्री चौबे ने राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस के अवसर पर इंटीग्रेटेड हेल्थ व कल्याण परिषद द्वारा आयोजित वेबीनार को संबोधित करते हुए कोविड-19 के विरुद्ध जंग में डॉक्टरों के योगदान की सराहना की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों से वेबीनार में बड़ी संख्या में डॉक्टर एवं हेल्थ सेक्टर से जुड़े अन्य विशेषज्ञ इसमें शामिल हुए। चौबे ने कहा कि डॉक्टरों के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से महामारी की वजह से हम सभी कठिन दौर से गुजर रहे हैं। देशवासियों की सहायता से मजबूती से कोरोनावायरस के विरुद्ध जंग लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस अत्यधिक संक्रामक बीमारी के प्रसार को एक हद तक नियंत्रित करने में सक्षम हुए हैं। भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में अच्छे तरीके ट्रैक, ट्रेस, टेस्ट, आइसोलेट मैकेनिज्म तंत्र के साथ-साथ लॉकडाउन और इसके क्रमिक छूट ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसने इस बीमारी को गाँवों में फैलने से रोकने में मदद की। जब रिकवरी रेट की बात आती है। हमने इस मामलें में बहुत अच्छा किया है।
पिछले हफ्ते तक, भारत में लगभग 60% कोविड से इन्फेक्टेड मरीज रिकवर हो चुके हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील, और रूस के बाद भारत चौथा सबसे अधिक रिकवरी रेट वाला देश बन गया है। यह सब डाक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों के निस्वार्थ सेवा और सपोर्ट के बिना संभव नहीं था। चौबे ने कहा कि हमने यह भी ध्यान दिया कि लॉकडाउन लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और इसलिए निमहांस (NIMHANS) के तत्वावधान में तुरंत हेल्पलाइन नम्बर लांच किया। पीपीई मास्क में हम आत्मनिर्भर बने हैं।