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नक्सलियों से बिना पूछे निर्माण कार्य किया तो …

  • कौआकोल में लगे नक्सली पोस्टर, दहशत

नवादा : जिले के नक्सल प्रभावित कौआकोल थानाक्षेत्र में नक्सलियों एवं अपराधियों की गतिविधि एक बार फिर से तेज हो गई है। बताते चलें कि करीब दो सालों से कौआकोल की जंगलों में नक्सलियों एवं अपराधियों की समानांतर की खेल लगातार जारी रखते हुए पुलिस प्रशासन को खुली चुनौती दे रखा गया है। बावजूद पुलिस प्रशासन द्वारा कौआकोल में नक्सलियों के होने की सूचना को लगातार नकारा जाता रहा है।

बुधवार की रात्रि नक्सलियों ने भाकपा माओवादी के नाम से थाना एवं सड़क निर्माण कंपनी की, वन विभाग की, पुरानी डिपो वंशाटांड़ छतवैया स्थित कैंप से कुछ ही फ्लांग की दूरी पर अवस्थित शराब की जांच के लिए बनी रानीबाजार पुलिस चेक पोस्ट पर दो अलग-अलग पोस्टर चिपकाकर माओवादियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कर पुलिस प्रशासन को खुली चुनौती देने का काम किया है। चिपकाए गए पोस्टर में सड़क निर्माण एवं पुल पुलिया निर्माण करने वाली कम्पनी को आगाह करते हुए कहा कि उनकी कमिटी से बगैर पूछे कोई कार्य नहीं करना है। यह धमकी भरा संदेश लिखते हुए कहा ऐसा करने पर उनके विरुद्ध  कार्रवाई की जाएगी।

दूसरे अन्य सफेद रंग के कागज पर लाल और नीली रंग से लिखे पोस्टर के माध्यम से भाकपा माओवादी ने देश के युवा -युवती को ललकारते हुए मुक्ति और अधिकार इज्जत के लिए गुलामी करना छोड़ ,हथियार उठाने की अपील किया है। इधर पोस्टर चिपकाने की सूचना मिलते ही गुरुवार की सुबह कौआकोल पुलिस ने घटनास्थल से पोस्टर जब्त कर अपने कब्जे में ले लिया है।

 कौआकोल में खुलेआम इस तरह का पोस्टर चिपका कर नक्सलियों ने अपने आने की सबूत देते हुए पुलिस प्रशासन को खुली चुनौती दी है। इस सम्बंध में कौआकोल के प्रभारी थानाध्यक्ष एके झा ने कहा कि पोस्टर को जब्त कर पुलिस कार्रवाई में जुट गई है। बता दें कि कौआकोल में संगठन द्वारा पूर्व में भी कई नक्सली पोस्टर चिपकाकर बड़ी बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है।

माओवादी के नाम पर इसी महीने 2 मार्च और 11 मार्च को थाना क्षेत्र के दुधपनियाँ गांव में पोस्टर चिपका कर अनिल कुमार और सहदेव साव से पांच-पांच लाख रुपये रंगदारी की मांग करते हुए नहीं देने पर अंजाम भुगतने तथा इन दोनों का साथ देने पर गांव के ही छः अन्य व्यक्ति पर कार्रवाई करने की धमकी दी थी।

हालांकि उस घटना में पुलिस ने प्रथम दृष्टया नक्सलियों की करतूत नहीं बता स्थानीय अपराधियों द्वारा पोस्टर चिपकाने की बात कही थी। इस प्रकार 19 दिनों के अंदर नक्सलियों द्वारा पोस्टर चिपकाने की यह तीसरी बङी घटना से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।