नवादा : बिहार के नवादा जिले में डेंगू महामारी का रूप लेने लगा है। गांव—गांव में इससे पीङित होने वालों की संख्या में लगातार बृद्धि हो रही है। वैसे संतोष की बात यह है कि अबतक इससे किसी की मौत नहीं हुई है। दूसरी ओर सदर अस्पताल में इसके ईलाज की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है। इसके पूर्व पीङितों को मगध मेडिकल काॅलेज स्थानांतरित किया जा रहा था।
ताजा मामला हिसुआ प्रखंड क्षेत्र के श्रीरामपुर गांव का है जहां तीन बच्चे डेंगू से पीड़ित हो जीवन मौत से संघर्ष कर रहे हैं। सभी का ईलाज निजी क्लीनिक में कराया जा रहा है।पीङित बच्चों में त्रिशूल कुमार पिता संजीव कुमार, राकेश कुमार पिता अरूण कुमार व अरविंद सिंह का पुत्र शामिल हैं । गांव में डेंगू महामारी का रूप लेने लगा है बावजूद स्वास्थ्य विभाग द्वारा अबतक मच्छर रोधी दवा का छिड़काव नहीं कराया जा रहा है जिससे इसके मच्छरों में लगातार बृद्धि हो रही है पीङित की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।
इस बावत सिविल सर्जन श्रीनाथ ने बताया कि सदर अस्पताल में डेंगू की जांच से लेकर ईलाज की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है । बावजूद अबतक लोग ईलाज के लिये नहीं पहुंच रहे हैं । ऐसे में यह आकलन करना मुश्किल हो रहा है कि जिले में अबतक डेंगू के कितने मरीज हैं । जहां तक मच्छर रोधी दवा का छिड़काव करने की बात है तो यह उपलब्ध नहीं है। इसके लिये राज्य स्वास्थ्य समिति को लिखा गया है । उपलब्ध होते ही छिङकाव कार्य आरंभ कराया जाएगा ।
बता दें कौआकोल प्रखंड क्षेत्र के जंगली व पहाड़ी क्षेत्रों में मलेरिया का प्रकोप होता है जिससे कई की मौत हो जाती है। वहां भी अबतक डीडीटी का छिड़काव आरंभ नहीं कराया गया है।
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