पटना : पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आज जनता दल यूनाइटेड की तरफ से कार्यकर्ता सममेलन का आयोजन किया गया था। यह 15 वर्षो में दूसरा मौका है, जब सीएम नीतीश कुमार ने अपने जन्म दिवस पर कार्यकर्ता सम्मलेन का आयोजन किया हो। इस तरह का पहला आयोजन उन्होंने 2015 में किया था जब वह राजद के साथ थे और दूसरी बार 2020 में जब वह अपने पुराने साथी भाजपा के साथ हैं।
इस सम्मलेन को लेकर जदयू के नेताओं का दावा था कि 1 मार्च को गांधी मैदान में कम से कम 2 लाख लोग पहुंचेंगे। लेकिन, दावों की पोल उस समय खुल गई जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंच से नेताओं को संबोधित कर रहे थे और गांधी मैदान में छिट-पुट भीड़ थी।
ज्ञात हो कि जदयू के द्वारा यह दावा किया जाता रहा है कि पार्टी का जनाधार बढ़ा है और बूथ स्तर तक कार्यकर्ता बनाए गए हैं। पार्टी नेताओं के द्वारा पटना में कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाने के लिए दिन-रात एक किए हुए थे। पूरे पटना को पोस्टरों से पाट दिया गया था। लेकिन, पोस्टरों की संख्या से कार्यकर्ताओं की संख्या का तुलना करें तो पोस्टर ज्यादा होंगे।
सम्मलेन में कार्यकर्ताओं के नहीं पहुँचने के बाद से सोशल मीडिया पर मीम बनने लगे हैं। जदयू के इस सम्मलेन में आयी इस भीड़ की तुलना कुछ दिन पहले हुई कन्हैया कुमार की रैली से की जाने लगी। दोनों कार्यकर्मों की तस्वीरें डालकर सोशल मीडिया यूजर्स लिख रहे थे कि नीतीश के सम्मलेन से ज्यादा भीड़ तो कन्हैया के रैली में थी।