मुंबई से लौटे शख़्स को क्वारंटाइन केंद्र जाने को कहा तो दे दिया तलाक़

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swatva samachar
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  • हाल ही में मुंबई से लौटा है शख़्स

मधुबनी : ज़िले के बाबूरही प्रखण्ड से तलाक़ देने का एक अजीबों ग़रीब मामला प्रकाश में आया है, मुंबई से लौटे शख़्स को जब उसकी पत्नी ने एक जागरूक नागरिक की तरह कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए अपने पति को घर में रहने की बजाए सरकार द्वारा बनाए गए क्वारंटाइन केंद्र में रहने को कहा तो इससे नाराज़ शख़्स ने बिना सोचे समझे तुरंत पत्नी को तलाक़ दे दिया।

मामला बाबूबरही प्रखंड की सतघारा पंचायत के बड़ी बाड़ा का है। मो. शहीद वर्षों से मुंबई में भवन निर्माण में मजदूरी करता है। छह माह पूर्व बेटी की शादी में आया था। इस शादी में कर्ज चढ़ गया। इसे चुकता करने के लिए चार माह पूर्व फिर मुंबई चला गया। घर की माली हालत के कारण पत्नी को भी मजदूरी करनी पड़ती है, लॉकडाउन के कारण तीन दिनों पूर्व शहीद ट्रेन से लौटा है।

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क्वारंटाइन केंद्र जाने की सलाह से भड़का शख़्स

जब शहीद मुंबई से घर लौटा तब उसकी पत्नी अपने बच्चों के साथ घर पर ही थी। पति को देख वह ख़ुश हुई स्वागत करने की ईच्छा भी हुई पर कोरोना महामारी के संक्रमण के कारण महिला ने एक जागरूक नागरिक की भूमिका निभाते हुए बच्चों व आसपास के लोगों में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अपने पति को कुछ दिनों क्वारंटाइन केंद्र में रहने की सलाह दी।

ऐसा सुनते ही शहीद भड़क उठा। जब तक पत्नी कुछ समझ पाती, उसके कानों में तीन बार तलाक की आवाज ने उसका सब कुछ छीन लिया। बेटी की शादी में लिए कर्ज के बोझ तले पहले से कराह रही थी। अब पति के साथ छोड़ देने से वह घुट -घुटकर जी रही है। अब महिला न्याय के लिए थोड़ी बहुत आस पंच परमेश्वर से लगाए हुए है।

महिला को मिला मुखिया का साथ

मुखिया मो. जमील अख्तर ने कहा कि महिला का सलाह देना वाज़िब है। कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अन्य राज्यों से लौटने वाले लोगों को क्वारंटाइन केंद्रों में रखा जा रहा है। शहीद मुंबई से लौटा है मुंबई में कोरोना का मामला बहुत ज़्यादा है इसलिए इसमें लापरवाही की कोई गुंजाइस नहीं बचती शहीद को अवश्य ही क्वारंटाइन केंद्र जाना चाहिए।

क्वारंटाइन केंद्र जाने की सलाह पर पत्नी को तलाक़ देना बेहद ही शर्मनाक है, शहीद ने घोर अपराध किया है। मुखिया ने कहा कि इस पंचायत में तलाक की यह पहली घटना है। लॉकडाउन के बाद इस मामले में पंचायत होगी। शहीद को सामाजिक रूप से सजा भी दी जाएगी। उसे पत्नी को स्वीकार करना ही होगा।

सुमित राउत

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