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मिड डे मिल से शिक्षकों को छुटकारा दिलाना चाह रही सरकार : सुशील मोदी

पटना : शिक्षक दिवस पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने घोषणा की कि राज्य में 13 नये डिग्री काॅलेज खोलने के साथ ही प्रदेश के उच्च विद्यालयों में डिजिटल क्लास रूम बनाने की सरकार की योजना है। श्रीकृष्ण मेमोरियल हाॅल, पटना में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि साइकिल योजना के तहत अबतक लगभग 1 करोड़ 30 लाख छात्र-छात्राओं को साइकिल दिया जा चुका है। जबकि वर्ग 1 से 8 तक के लगभग 1 करोड़ छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्ष पोशाक योजना से लाभान्वित कराया जा रहा है। मध्याह्न भोजन योजना के संचालन में प्रधानाध्यापक के साथ कम से कम एक शिक्षक प्रतिदिन अपना पूरा समय लगाते हैं। अतः राज्य सरकार ने इस योजना की राशि सीधे छात्र-छात्राओं के खाता में भेजने का अनुरोध केन्द्र सरकार से किया है ताकि शिक्षक विद्यालय के शैक्षणिक कार्य पर अपना ध्यान केन्द्रित कर  सकें।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में शिक्षा पर 24 हजार 698 करोड़ रू. खर्च किया गया था। इसमें 8000 करोड़ रू. से अधिक की वृद्धि करते हुए वर्ष 2018-19 में 34 हजार, 333 करोड़ रू0 का प्रावधान किया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्राथमिक शिक्षा के लिए सर्वाधिक 22 हजार 887 करोड़ रू. का प्रावधान किया गया है, जबकि माध्यमिक शिक्षा के लिए 5209 करोड़ रू. उच्च शिक्षा के लिए 4295 करोड़ रू. का बजटीय प्रावधान है।
राज्य सरकार ने सभी कोटि की इंटरमीडिएट उतीर्ण करने वाली अविवाहित बालिकाओं को 10 हजार एवं स्नातक उत्तीर्ण करने वाली बालिकाओं को 25 हजार एकमुश्त प्रोत्साहन राशि के रूप में देने का निर्णय लिया है। 7 से 12 वर्ष तक की किशोरी बालिकाओं के लिए सैनिटरी नेपकिन हेतु 150 रुपये की राशि को बढ़ाकर 300 प्रति बालिका कर दिया गया है। वर्ग 9 से 12 की छात्राओं के लिए पोशाक राशि 1000 से बढ़ाकर 1500 कर दिया गया है। मैट्रिक पास करने वाली छात्राओं की संख्या बढ़ी है और वर्ष 2018 में छात्र-छात्राओं का यह अनुपात लगभग बराबर हो गया है। शिक्षकों के नियोजन में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत स्थान आरक्षित किये गये हैं, जिसके फलस्वरूप शिक्षिकाओं की संख्या 19 प्रतिशत से बढ़कर 39 प्रतिशत हो गई है। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा भी उपस्थित थे।