माइक्रो फूड इंटरप्राइजेज को बढ़ावा देने से विश्व का 80 प्रतिशत मखाना उत्पादन करने वाले बिहार को मिलेगा विशेष लाभ: सुमो
शहद उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर बिहार, मधुमक्खी पालक होंगे प्रोत्साहित
पटना: उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कोरोना संकट से कृषि प्रक्षेत्र को उबारने के बाद शुक्रवार को उसके सहयोगी प्रक्षेत्रों के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज के तहत की गई एक लाख करोड़ की घोषणा से बिहार में भी आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के साथ शहद, सब्जी, मछली, दूध उत्पादन, स्थानीय उपज और औषधीय खेती को बढ़ावा देने व पशुओं के शत-प्रतिशत टीकारण अभियान को सफलता मिलेगी।
सुशील मोदी ने कहा कि 10 हजार करोड़ से माइक्रो फूड इंटरप्राइजेज को बढ़ावा देने की घोषणा से पूरे विश्व का 80 प्रतिशत मखाना उत्पादन करके प्रथम स्थान पर रहने वाले बिहार को विशष लाभ मिलेगा। बिहार के स्थानीय उपज के तौर पर मखाना के साथ कतरनी चावल, मिर्चा के चूड़ा आदि के उत्पादन व मार्केटिंग को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
इसी प्रकार मधुमक्खी पालन हेतु 500 करोड़ के प्रावधान से पूरे भारत में शहद उत्पादन में दूसरे व उत्पादकता में प्रथम स्थान पर रहने वाले बिहार के समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर सहित अन्य जिलों के मधुमक्खाी पालक किसानों को लाभ मिलेगा। औषधीय खेती को बढ़ावा देने के लिए घोषित 4 हजार करोड़ से गंगा किनारे के 800 हे. में खेती का लाभ भी बिहार को मिलेगा। 20 हजार करोड़ के मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली उत्पादन और गव्य व पशुचारा के आधारभूत संरचना के विकास के लिए घोषित 15 हजार करोड़ के प्रावधान का लाभ भी बिहार को मिलेगा।
एक लाख करोड़ से कृषि के सहयोगी प्रक्षेत्रों की आधारभूत संरचना के सुदृढ़ीकरण से कोल्ड स्टोरेज, कोल्ड चेन, खाद्यान्न भंडारण आदि विकसित होंगे जिसका लाभ बिहार के कृषि उद्यमियों के साथ पैक्सों व फार्मर्स प्रोड्यूसर आर्गेनाईजेशन को मिलेगा।
आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में व्यापक सुधार की घोषणा के तहत खाद्य तेल, दलहन,तिलहन, आलू-प्याज, मोटा अनाज आदि को नियंत्रण मुक्त किया जा सकेगा जिससे किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा तथा नया कानून ‘एक देश, एक बाजार’ के अन्तर्गत किसान कहीं भी अपनी इच्छानुसार अपनी उपज बेच सकेंगे।
टीकाकरण केलिए 13,343 करोड़ के पैकेज से बिहार के गाय, भैंस, बैल, भेड़-बकरी आदि शत प्रतिशत पशुओं को एफएमडी निरोघक टीका लगाया जा सकेगा।