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मंगनी लाल मंडल, रामबदन राय ने छोड़ी आरजेडी

पटना : पूर्व सांसद मंगनी लाल मंडल, राम वदन राय समेत कई नेताओं ने आरजेडी पर टिकट बटवारें में अति पिछड़ों की उपेक्षा और टिकट बटवारें में पैसों की लेनदेन का पर नाराजगी जताते हुए आरजेडी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। मंगली लाल मंडल ने कहा कि आरजेडी सामाजिक न्याय  के सिद्धांतों पर चलने वाली पार्टी थी लेकिन इस बार के टिकट बटवारें में हुए धांधली ने उसके पाखंड को उजागर कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ने अपने घोषणा पत्र में दलितों को 40 प्रतिशत हक़ देने का वादा किया था। उन्होंने ये भी कहा था कि चाहे विधान सभा हो या राज्य सभा हो या लोकसभा सभी जगह इसे लागू किया जाएगा। लेकिन ये सरासर झूठा और बेबुनियाद है। मंगनी लाल मंडल ने की आरजेडी ने 20 लोकसभा के प्रत्याशियों में से 45 प्रतिशत सीट यादव को दिया है। 20 परसेंट मुसलमान को, 15 परसेंट राजपूत को 10 प्रतिशत दलित को और 5 प्रतिशत अति पिछड़े को। उन्होंने कहा कि ये वही आरजेडी है जो संविधान को बचाने की दुहाई दिया करता था। संविधान को बचाने के लिए तेजस्वी यादव ने दो वर्ष पूर्व यात्रा भी निकाली थी। आज  पता चला कि ये सब महज़ दिखावा था। मंगनी लाल मंडल ने कहा कि नवादा से विभा देवी को टिकट दिया गया। जिनका कोई सामाजिक आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि आरजेडी ने गुलाब यादव को टिकट दिया है जो थोड़ा सा भी पढ़ा-लिखा नहीं है। उसे न तो संविधान की समझ है और न लोकतंत्र की।फिर भी उसे टिकट देने का काम आरजेडी ने किया है। ये अपने आप मे सामाजिक न्याय को धोखा देना हो गया है। येराजनीतिक पाखंड है। उन्होंने कहा कि मुझे भ्रम था कि सामाजिक न्याय की बात करनेवाली एकमात्र पार्टी आरजेडी ही है।लेकिन आज मेरा ये भ्रम टूट गया।  आगे उन्होंने कहा कि पार्टी से अलग होने का फैसला लेने में  13 दिन लग गए।

रामबदन राय ने कहा कि  आरजेडी के रवैये को देखते हुए कहा कि तेजस्वी यादव  के द्वारा किये गए घोषणा पत्र कूड़े में फेकने लायक है। पहले  संघर्ष से टिकट मिलता था लेकिन अब पैसे ले दे कर टिकट दिया जा रहा है।ऐसे में हमलोग आगे की रणनीति क्या हो इस पर विचार करेंगे।

मधुकर योगेश