मघ्यान्ह भोजन की 378 करोड़ बच्चों के खाते में भेजी गयी- उपमुख्यमंत्री
लाॅकडाउन से स्कूल बंद रहने पर खाते में राशि भेजने का लिया गया था निर्णय
पटना: उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए जारी लाॅकडाउन के दौरान स्कूल बंद रहने के बावजूद नामांकित 1.29 करोड़ बच्चों के खोते में मघ्यान्ह भोजन योजना की 378.70 करोड़ रु. की राशि डीबीटी के जरिए भेजी गयी है।
सुशील मोदी ने बताया कि स्कूल बंद रहने के दौरान स्कूलों में बच्चों को पका भोजन देना संभव नहीं था, इसलिए सरकार ने कार्यदिवस के अनुसार सभी नामांकित बच्चों को मध्यान्ह भोजन योजना की राशि उनके खाते में भेजने का निर्णय लिया था। 14 मार्च से 03 मई तक के कुल 34 कार्यदिवसों के आधार पर खाद्यान्न मद में 151.48 करोड़ और कुकिंग काॅस्ट के तौर पर तेल, नमक, मसाला, फल, दूघ व अंडा आदि के लिए 227.22 करोड़ की राशि लाभुक बच्चों के खातों में भेजी गयी है।
मध्यान्ह भोजन योजना के अन्तर्गत कक्षा 01 से 05 तक के बच्चों को प्रतिदिन 100 ग्राम और कक्षा 06 से 08 तक को 150 ग्राम खाद्यान्न तथा अलग से कुकिंग काॅस्ट के लिए राशि दी जाती है। हाल के दिनों में केन्द्र सरकार ने कुकिंग काॅस्ट की दर में 11 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है, जिसके बाद प्राइमरी के प्रति छात्र प्रतिदिन 4.97 अैर उच्च प्राइमरी के लिए 7.45 रु. दिए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि मध्यान्ह भोजन योजना मद में 2019-20 में भारत सरकार से 1093.13 करोड़ रु. प्राप्त हुआ था। फिलहाल राज्य सरकार ने खाद्यान्न मद में 151.48 करोड़ रु. अपने बजट से खर्च किया है जिसकी प्रतिपूर्ति के लिए केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया है।