पटना : बिहार में कोरोना से दो लोगों की मौत और पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने के बावजूद हर स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है। एक तरफ जहां सरकार की तरफ से घोषित लॉकडाउन को लोग हल्के में ले रहे हैं, वहीं कोरोना संदिग्ध और उनके परिजन भी जानकारी छुपा रहे हैं। यह लापरवाही आमजीवन पर भारी पड़ सकती है।
कोरोना को हल्के में ले रहे लोग
राजधानी पटना में 31 मार्च तक जारी लॉकडाउन के पहले दिन की बानगी देखिये कि बाजार समिति, अगमकुआं, कदमकुआं नाला रोड और पटेल नगर में मछली, मांस और पान की दुकानें खुली दिखी। लोग यहां घूमते और गप करते दिखे। मीठापुर बस स्टैंड पर लोग बस की छत पर सवार होकर सफर करते दिखे। बसों के अंदर खड़े होने तक की जगह न मिली तो लोग छत पर बैठ गए। लोग जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं ताकि अपने गांव लौट सकें।
पटना एम्स की ओपीडी बंद
जहां तक कोरोना मीटर की बात करें तो बिहार में अभी तक कोरोना से दो की मौत हो चुकी है और 4 मरीज पॉजिटिव मिल चुके हैं। राज्य में महाराष्ट्र और देश के बाकी हिस्सों से आये लोगों की बड़ी संख्या को देखते हुए कोरोना मरीजों के बढ़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है। पीएमसीएच में 24 घंटे में कोरोना के संदिग्ध 13 नए मरीज भर्ती हुए हैं। पटना एम्स का ओपीडी अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। यहां सिर्फ इमरजेंसी मरीजों का ही इलाज किया जा रहा है।
मुंबई, पुणे और अन्य महानगरों से घर लौटे लोगों से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। कारण वहां पहले से ही कोराना का संक्रमण फैल चुका है। ये लोग ट्रेन और हवाई जहाज से सफर कर आ रहे हैं। ऐसे में विशेष सावधानी की जरूरत है।