पटना : बिहार में चेती छठ का शुरुआत हो गया है। इस बार भारत में कोरोना वायरस को देखते हुए लॉक डाउन है। लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। हालांकि की आस्था का महापर्व छठ पूजा में कोई कमी नहीं दिखाई दे रही है। इस बार मन चंगा तो कठौती में गंगा के मायने को लेकर छठ वर्ती माताएं बहने छठ का पर्व मना रहीं है। छठ पर्व बिहार में सबसे शुद्धता और महानता वाला पर्व माना जाता है।
नहाय खाए से शुरू होता छठ पर्व
आस्था का महापर्व छठ बिहार में ही नहीं बल्कि भारत के अधिकतर हिस्सों में कम ज्यादा की संख्या में लोग मनाते हैं। इस महापर्व का शुरुआत नहाए खाए से होता है। नहाए खाए अर्थात नहा कर खाना। इस दिन छठ वर्ती माताएं बहने स्नान ध्यान कर कर कद्दू की सब्जी चना का दाल और चावल ग्रहण करती हैं। इसके बाद से तीन दिवसीय यह महापर्व का शुरुआत हो जाता है । लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण संपूर्ण देश लॉक डाउन में है तो पूजा पाठ की सामग्री में थोड़ा बहुत तो कमी आई है पर पूजा पाठ और शुद्धता को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है। इस बार लोग अपने घरों में हैं छठ पर्व के अर्ज को देने की तैयारी में है। इस बार लोग अपने परिवार तक ही सीमित हो कर छठ मना रहे हैं। कुछ लोगों से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि इस बार देश में बहुत बड़ी महामारी है कोरोना वायरस और अगर हम इस वायरस को सोशल डिस्टेंस से समाप्त कर सकते हैं तो सबसे पहले हम वहीं करेगें और इस संकर्मित वायरस पर जीत दर्ज करके ही रहेंगे।
बिहार में थमने का नाम नहीं ले रहा कोरोना
बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। पटना के पीएमसीएच का आइसोलेशन वार्ड कब का भर चुका है। जीसके बाद लोगों को एनएमसीएच में रखा जा रहा है। बिहार में अब तक इस संक्रमण से 9 लोग संक्रमित हो चुके हैं। वही बात करें इससे हुई मौत की तो यह एक संतोषजनक बात है कि इसमें कोई इजाफा नहीं हुआ है। लोग इसी तरह गहराई से सोच समझकर लॉक डाउन का उल्लंघन ना करें तो बहुत जल्द ही इसमें कमी देखने को मिल सकती है।
तेज प्रताप शर्मा