युवाओं में हल्का, पर बुजुर्गों को बड़ा नुकसान दे सकता ओमिक्रॉन, वैज्ञानिकों की नई चेतावनी
नयी दिल्ली : साउथ अफ्रीका में सबसे पहले पाये गए कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के बारे में शुरुआती अध्ययन में यह कहा गया कि युवाओं में इसका हल्का असर देखने को मिला है। अध्ययन अफ्रीका में भर्ती ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजों की हालत को देखकर और उनसे जुड़ी जानकारी के आधार पर किया गया है। बताया गया कि जिन मरीजों में ये वेरिएंट मिला है, उनमेेेेेेेेेेेेेेें बीमारी गंभीर रूप में नजर नहीं आई। लेकिन साथ ही वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि ये सभी मरीज कम उम्र ग्रुप वाले हैं। बुजूर्गों पर इसके असर को लेकर अभी हमें किसी अनुमान से पहले जल्दबाजी से बचना चाहिए।
अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने ओमिक्रॉन वेरिएंट पर वहां के सांसदों के सामने एक प्रजेंटेशन में बताया कि अभी तक इससे ज्यादातर युवा ही प्रभावित मिले हैं। युवा इस वेरिएंट से लड़ने में ज्यादा सक्षम हैं। उनका इम्यून भी स्ट्रांग होता है। लेकिन सारे ऐज ग्रुप वालों के लिए इससे कोई ठोस निष्कर्ष निकाल लेना ठीक नहीं। वेरिएंट कुछ दिन बाद अपनी मारकता का असल प्रदर्शन कर सकते हैं। ऐसे में अभी हमें इंतजार करना चाहिए और विस्तृत रिसर्च के बाद ही कोई नतीजा निकालना चाहिए।?
अफ्रीकी नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्यूनिकेबल डिजीज के पब्लिक हेल्थ सर्विलांस एंड रिस्पांस की प्रमुख मिशेल ग्रूम ने जानकारी दी कि हाल में देखा गया कि ओमिक्रॉन संक्रमण युवाओं के बाद अब बुजूर्गों में भी दिखना शुरू हो गया है। अनुमान है कि कुछ हफ्तों बाद ही बुजूर्गों में भी इसके लक्षणों पर अध्ययन शुरू हो जाएगा। शुरू में लक्षण सामान्य ही रहते हैं, लेकिन कुछ दिन बाद इनके गंभीर होने से इनकार नहीं किया जा सकता।