पटना : प्रेमचंद जयंती के अवसर पर साहित्यिक संस्था ‘लेख्य मंजूषा’ द्वारा एक गोष्टी का आयोजन पैराडाइज इंटरनेशनल स्कूल, पटेल नगर में हुआ। मंच संचालन करते हुए संस्था से जुड़े संजय कुमार सिंह ने कहा कि अंदर की पीड़ा को कलमबद्ध करना अत्याधिक मुश्किल कार्य होता है। इस कार्य में प्रेमचंद जी बहुत माहिर थे। उनकी रचनाओं में दलित, शोषित, निम्न वर्ग एवं जानवरों तक की समस्याओं पर बारीक विवेचन देखने को मिल जाता है। इन विषयों पर गौर करते हुए वे रचनाओं में निर्भिक होकर मानव संवेदनाओं पर चोट करते रहे हैं।
मौके पर लेख्य मंजूषा के अन्य सदस्यों ने बारी—बारी से प्रेमचंद की रचनाओं के साथ ही अपनी रचनाओं का भी पाठ किया। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए संस्था की अध्य्क्ष विभा रानी श्रीवास्तव ने नए लेखकों से कहा कि लेखन के लिए पढ़ना बहुत जरूरी है। वे जब पढ़ेंगे तभी अच्छा लिख पायेंगे। अंत में उन्होंने स्थानीय सदस्यों के साथ प्रवासी सदस्यों को भी धन्यवाद दिया।
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(अभिलाष दत्ता)
लेख्य-मंजूषा सदा आभारी है