पटना : चाचा पशुपति कुमार पारस के मोदी मंत्रीमंडल में शामिल होने के बाद चिराग पासवान भी धीरे धीरे अपने गुट को मजबूत करने में लग गए हैं। चिराग की नजदीकियां राजद से बढ़ने लगी है।
लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान की नजदीकियां राजद से बढ़ने लगी है। खुद को मोदी का हनुमान कहने वाले चिराग पासवान का राजद सुप्रीमो लालू यादव और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से टेलीफोनिक बातचीत हुई है।इस बातचीत के बाद बिहार में नए सियासी समीकरण के संकेत मिलने लगे हैं।
अभिभावक के तौर पर हमेशा साथ
वहीं जानकारी के अनुसार चिराग पासवान और लालू यादव के बीच हुई बातचीत में राजद सुप्रीमो ने चिराग को भरोसा दिया है कि चाचा पारस की बगावत के बीच वह उनके साथ खड़े हैं। लालू यादव ने चिराग पासवान को कहा है कि रामविलास पासवान उनके अच्छे मित्र थे रामविलास पासवान के साथ राजनीतिक रिश्ता चाहे जो भी रहा हो लेकिन व्यक्तिगत रिश्ता हमेशा अच्छा रहा है।लालू ने भरोसा दिया है कि वह अभिभावक के तौर पर हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे।हालांकि चिराग पासवान और लालू यादव के बीच हुई बातचीत की अधिकारिक पुष्टि ना तो लोजपा के किसी नेता ने किया है और ना ही राजद के नेता ने।
वहीं चिराग और तेजस्वी के बीच हुई बातचीत को लेकर सूत्र बता रहें हैं कि बहुत जल्द तेजस्वी यादव चिराग से मिलने उनके दिल्ली आवास पर जा सकते हैं या फिर खुद चिराग पासवान उनसे मिलने बिहार आ सकते हैं। लेकिन अधिक उम्मीद तेजस्वी का दिल्ली जाने वाली बात की ही हैं।
गौरतलब है कि राजद का मानना है कि चिराग ही रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत के असली उत्तराधिकारी हैं। इसलिए असली लोजपा उनके ही पास है इस लिहाज से भाजपा को इस लोजपा से अपने मंत्रीमंडल में नेता चुनना चाहिए था।
वहीं राजनीतिक जानकारों की माने तो लोजपा और राजद दोनों को नीतीश कुमार से ही चुनावी लड़ाई लड़नी है। इस लिहाज से चिराग भाजपा की परवाह किए बगैर राजद के साथ जा सकते हैं जिससे नीतीश कुमार को पिछड़े मतदाताओं से हाथ धोना पड़ सकता है।