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लालू को सुप्रीम कोर्ट से झटका, नहीं मिली बेल

नयी दिल्ली: राजद सुप्रीमो लालू यादव की जमानत की याचिका आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू यादव ने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कोर्ट से जमानत मांगी थी। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश करके लालू की जमानत याचिका का विरोध किया। सीबीआई ने कहा कि लालू यादव लोकसभा चुनाव के लिए जमानत मांग रहे हैं।
सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि लालू अस्पताल से राजनीतिक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं। वह जेल में न रहकर अस्पताल के विशेष वार्ड में रहते हैं। वे लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ही जमानत मांग रहे हैं। मेडिकल आधार पर जमानत मांग वह कोर्ट को गुमराह कर रहे है। सीबीआई ने यह कहते हुए लालू की जमानत याचिका का विरोध किया कि श्री यादव को अपनी राजनीतिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए जमानत नहीं मिलनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने 15 मार्च को लालू की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। लालू ने याचिका में कहा था कि एक मामले में 22 महीने, दूसरे मामले में 13 महीने और तीसरे मामले में 21 महीने की सजा काट चुके हैं। राजद प्रमुख ने अपनी जमानत याचिका खारिज करने के झारखंड उच्च न्यायालय के दस जनवरी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में में चुनौती दी थी।
सीबीआई ने कहा कि यह ऐसा मामला है जिसमें जमानत देने से उच्च पदों पर भ्रष्टाचार में संलिप्तता के मामलों में बहुत ही गलत परंपरा पड़ेगी। साथ ही सीबीआई ने कहा कि यादव इतना अधिक बीमार होने का दावा करते हैं कि वह जेल में नहीं रह सकते और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है लेकिन अचानक ही वह शारीरिक रूप से पूरी तरह ठीक हो गये और जमानत चाहते हैं। लालू प्रसाद ऐसा आभास देने का प्रयास कर रहे हैं कि मानो उन्हें सिर्फ 3.5 साल की कैद हुयी है और वह इस सजा का काफी हिस्सा पूरा कर चुके हैं जो ‘गुमराह’ करने वाला है। लालू यादव को चार मामलों में दोषी ठहराया गया है और इसमें उन्हें 168 महीने की सजा हुई है। इसमें से उन्होंने अभी सिर्फ 20 महीने की ही सजा पूरी की है जो उन्हें सुनाई गयी सजा का 15 फीसदी से भी कम है।