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लालू के विद्वेष व हिसा की राजनीति को जिंदा करना चाहते हैं तेजस्वी: भाजपा

पटना : पिछले दिनों गोपालगंज में राजद कार्यकर्ता के घर में घुसकर परिवार के तीन लोगों की हत्या मामले को लेकर विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने कोरोना लाॅकडाउन के बीच ही गोपालगंज मार्च पर निकल पडे है। उनके इस कदम को लेकर भाजपा हमलावर हो गयी है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द सिंह ने कहा कि लालू परिवार की राजनीति बिहारी में हिंसक नरसंहारों के बल पर उपजे सामाजिक विद्वेष, भय और भ्रष्टाचार के सहारे फलते-फूलते रही हैं माफिया मंडली के साहरे इस परिवार के लोगों ने बिहार को जर्जर बना दिया जिसके कारण लोग पलायन को मजबूर हुए थे।

तेजस्वी यादव की गोपालगंज यात्रा बिहार को फिर से सामाजिक व जातीय विद्वेष की आग में झोंकने की तैयारी है।
उन्होंने कहा कि सत्ता में बने रहने के लिए लालू यादव ने खुलेआम आपराधिक गिरोहों को संरक्षण देना शुरू किया था जिसके परिणाम स्वरूप उनके शासन काल में 1992 में बारा नरसंहार हुआ। 1997 का लक्ष्मणपुर बाथे नरसहार, 1999 का सेनारी नरसंहार, मियांपुर नरसंहार, अपषढ़ नरसंहार जैसे दर्जनों नरसंहारों के कारण बिहार की भयावह स्थिति हो गयी थी। गोपालगंज हत्याकांड के बाद तीन मुख्य आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।

कानून पारदर्शिता के साथ अपना काम कर रहा है। इसके बावजूद तेजस्वी यादव का गोपलगंज मार्च उनके पिता लालू प्रसाद की राजनीतिक परंपरा को फिर से बिहार में शुरू करने का संकेत है।