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क्यों रूठे तेजप्रताप और क्या है ‘लालू कुनबे’ की कलह का सच?

पटना : राजद में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। जेल काट रहे लालू की गैर मौजूदगी में अभी कल ही पार्टी की अहम बैठक आयोजित की गयी। इसमें राजद के तमाम छोटे-बड़े नेता शामिल हुए, लेकिन तेजप्रताप यादव कहीं नहीं दिखे। दूसरी तरफ तेजस्वी यादव ने भी तेजप्रताप समर्थकों की बहुप्रचारित पदयात्रा को हरी झंडी दिखाने से मना कर दिया। ऐसे में इस सियासी चर्चा ने जोर पकड़ लिया कि राजद में सिंहासन की लड़ाई ठन गई है। मामले पर जहां राजद नेता सफाई देते फिर रहे हैं तो भाजपा—जदयू के कहा कि यह तो होना ही था।

भाजपा एमएलसी सच्चिदानंद राय ने कहा कि राजद में खटपट की बात पूरी तरह सही है। उन्होंने कहा कि तेजप्रताप को पहले बड़े से छोटा बनाया गया। तेजप्रताप ने अपना दर्द सोशल मीडिया पर भी बयां किया था। अच्छा भी है, क्योंकि एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकती। जबकि तेजस्वी ने भी इशारा कर दिया है कि वो पार्टी में तेजप्रताप को किनारा करना चाहते हैं। जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि काफी पहले से ऐसे संकेत मिल रहे थे कि तेजस्वी यादव की ओर से तेज प्रताप को आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा। पहले भी तेज प्रताप सोशल मीडिया पर एक एमएलसी के बारे में लिख चुके हैं जिन्होंने तेजस्वी के बल पर उन्हें कोई सम्मान नहीं दिया।

इसबीच सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें भी चलनी शुरू हो गईं हैं। राजद की मंगलवार को हुई बैठक में लालू-राबड़ी के बड़े बेटे तेजप्रताप को नहीं बुलाया गया। ऐसा पहली बार हुआ जब राजद की किसी बैठक में तेजप्रताप यादव कहीं नहीं दिखे। हालांकि सूत्र बताते हैं कि तेजप्रताप उस वक्त उसी कैंपस में थे जहां बैठक हो रही थी। दूसरी तरफ तेजप्रताप यादव छात्र राजद का काम देखते हैं। उन्होंने मंगलवार से ही पटना से लेकर सिताब दियारा तक पदयात्रा का एलान किया था जिसे तेजस्वी यादव हरी झंडी दिखाने वाले थे। लेकिन कहा जाता है कि तेजस्वी ने यात्रा को झंडी दिखाने से साफ मना कर दिया। यही नहीं, पार्टी का कोई वरिष्ठ नेता भी तेजप्रताप के कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद नहीं था।
बहरहाल परिस्थितियां एसी बनी जिससे सियासी गलियारे में यह खबर उड़ने लगी कि अब राजद से तेजप्रताप किनारे कर दिये गये हैं। हालांकि इस सबके बीच राजद नेता शिवानंद तिवारी ने सफाई दी कि तेजप्रताप और तेजस्वी राम—लक्षमण की तरह हैं। उनके बीच कोई मतभेद नहीं है। जबकि पार्टी एमएलए अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा कि तेजस्वी पार्टी की बैठक में थे तो तेजप्रताप छात्र राजद के दूसरे कार्यक्रम में थे। इसीलिए तेजप्रताप बैठक में नहीं आ सके। इसे मतभेद बताना गलत है।