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‘कुश’ को हुआ ‘लव’, हार के बाद बदला व्यवहार

बिहार विधानसभा चुनाव के जो नतीजे आए हैं वो न ही जदयू के लिए ठीक है और न ही रालोसपा के लिए, जदयू को मात्र 43 सीटें मिली तो कुशवाहा को शून्य। हालांकि, दोनों के गठबंधन को इतनी सीटें जरूर मिल गई कि उनका इज्जत बच गया, एनडीए की सरकार बनी तो कुशवाहा गठबंधन को 6 सीटें मिली।

इस बीच कुछ दिनों पहले रालोसपा प्रमुख ने एक बयान दिया था, जिसके बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि संभव हो उपेंद्र कुशवाहा जदयू में शामिल हो सकते हैं। कुशवाहा ने कहा था कि राजनीति में कोई चीज असंभव नहीं है, आज जदयू 43 सीटों पर सिमट गया है। नीतीश कुमार की राजनीतिक हैसियत काफी कम हुई है, उनको मेरी तलाश है कि नहीं, इस बात का जवाब वही देंगे, लेकिन नीतीश कुमार कमजोर हुए हैं इसमें कहीं दो राय नहीं है।

विलय का प्रस्ताव

इस बीच हाल के दिनों में उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार से भेंट की है। इस भेंट के बाद कई तरह की अटकलें लगनी शुरू हो गई है। कहा जा रहा है राजनीतिक रूप से कमजोर नीतीश कुमार लव-कुश समीकरण को मजबूत करना चाहते हैं, इसलिए संभव है कि पुरानी बातों को पीछे छोड़ते हुए कुशवाहा को पार्टी में शामिल कर सकते हैं। क्योंकि, पार्टी कुछ दिग्गज व पिछड़े चेहरे को लाकर पार्टी मजबूत करना चाह रही है।

सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार लव-कुश समीकरण को साधने के लिए कुशवाहा को पार्टी में विलय का प्रस्ताव रखे हैं। अगर, कुशवाहा विलय के नाम पर सहमत होते हैं तो भविष्य में कुशवाहा को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। वैसे भी कुशवाहा राजनीति की शुरुआत नीतीश कुमार के साथ ही किये थे।

जदयू ने कहा, समीकरण होगा पूरा

उपेंद्र कुशवाहा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात को लेकर पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि अगर कुशवाहा जदयू में आते हैं, तो हम स्वागत करेंगे। पहले उपेंद्र कुशवाहा जदयू में रहे, फिर आएंगे अच्छा होगा। हमारे दल के साथ पहले से लवकुश समीकरण रहा है। बीच मे कुछ दिन के लिए कुछ समस्या हुई थी। हम उपेंद्र कुशवाहा को साथ आने का न्योता देते हैं। उपेंद्र कुशवाहा जदयू में आते हैं, तो राज्य की राजनीति के लिए अच्छा होगा। हर दल का अपना समीकरण है, जदयू का भी है।

भाजपा ने सराहा

वहीं, भाजपा प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने कुशवाहा को लेकर कुछ दिनों पहले कहा था कि एनडीए को लेकर अगर उपेंद्र कुशवाहा का हृदय परिवर्तन होता है तो ये राजग और बिहार के लिए अच्छे संकेत हैं। भाजपा नेता ने कहा था कि नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को नेता प्रतिपक्ष बनाया था, एनडीए ने उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया, एनडीए ने उन्हें जितना सम्मान दिया महागठबंधन ने उन्हें उतना ही अपमानित किया।

राजद ने कहा राजनीतिक महत्वाकांक्षा

वहीं, राजद विधायक सतीश कुमार ने कहा कि अब कुशवाहा के आरोप खत्म हो गए। उपेंद्र कुशवाहा बिहार सरकार पर आरोप लगा रहे थे। अब उन आरोपों पर क्या कहेंगे? उपेंद्र कुशवाहा अपने राजनीतिक फायदे के लिए ऐसा कर रहे हैं। अब उपेंद्र कुशवाहा भी आरएसएस की शरण में जा रहे हैं। राजद नेता चेतन आनंद ने कहा कि ये उनका अपना और निजी मामला है। राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए उपेंद्र कुशवाहा ऐसा कर रहे।