पटना: कोरोना संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आठ क्षेत्र कोयला, खनिज, रक्षा, नागरिक उड्डयन, केन्द्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियां, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा पर बात करते हुए कहा कि संरचनात्मक सुधार आज की घोषणाओं का आधार हैं। ये उन क्षितिजों में होंगे जो विकास और रोजगार की संभावनाओं में योगदान देंगे।
कोयला क्षेत्र में सरकार का एकाधिकार खत्म होगा
वित्त मंत्री ने कहा कि कोल सेक्टर में कॉमर्शियल माइनिंग को इजाजत दी जाएगी। इससे कोयला क्षेत्र में कमर्शियल माइनिंग से सही कीमत पर कोयला उपलब्ध होगा। सरकार का एकाधिकार खत्म होगा। कोल सेक्टर के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए लगभग 50,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। तथा लगभग 50 नए ब्लॉक खनन के लिए नीलामी पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए नियमों में ढील दी जाएगी।
500 माइनिंग ब्लॉक्स की नीलामी होगी
निर्मला सीतारमण ने खनिज सेक्टर को लेकर ऐलान करते हुए कहा कि खनिज सेक्टर में प्राइवेट सेक्टर को शामिल किया जाएगा। 500 माइनिंग ब्लॉक्स की नीलामी होगी। माइनिंग लीज का ट्रांसफर भी हो पाएगा। तथा इसमें भी आधारभूत ढांचे के विकास के लिए लगभग 50,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
रक्षा क्षेत्र में FDI को 49 फीसदी से बढाकर 74 फीसदी
डिफेंस प्रोडक्शन में मेक इन इंडिया पर जोर दिया जाएगा। ऐसे उत्पादों की लिस्ट बनाई जाएगी। जिसका आयात नहीं किया जाएगा। रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ( FDI ) को 49 फीसदी से बढाकर 74 फीसदी किया गया। कामकाज में सुधार के लिए ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड का निगमीकरण किया जाएगा। तथा कंपनियों का शेयर बाजार में लिस्ट किया जाएगा।
एयर स्पेस को बढ़ाया जाएगा
वित्तमंत्री ने कहा कि इंडियन एयर स्पेस के उपयोग पर प्रतिबंध को कम किया जाएगा। अभी केवल 60 फीसदी ही खोला गया है। इससे विमानन क्षेत्र को प्रति वर्ष 1000 करोड़ रुपये का कुल लाभ होगा। उन्होंने कहा कि पब्लिक प्राइवेट मॉडल पर एयरपोर्ट का विकास होगा। 6 एयरपोर्ट की नीलामी के जायेगी। 12 हवाईअड्डों पर 13000 करोड़ का निवेश होगा। पीपीपी मॉडल से 6 एयरपोर्ट विकसित किये जाएंगे।
वित्तमंत्री ने कहा कि केंद्रशासित प्रदेशों में बिजली का निजीकरण किया जाएगा। कंपनियों का निवेश होगा इससे ग्राहकों को अच्छी सेवा मिलेगी और कंपनियों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि देश के स्पेस प्रोग्राम में प्राइवेट कंपनियों को मौका दिया जाएगा। निजी कंपनियां ISRO की सुविधाओें का इस्तेमाल कर सकती है।