कोटा-कोटा चिल्लाने वाले राजद,कांग्रेस के लोग छात्रों को लाने के समय हो गए लापता
पटना : पूरे देश में कोरोना संक्रमण के बीच प्रवासी मजदूरों और छात्रों को हो रही बहुत ही कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था।जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा इन मजदूरों और छात्र-छात्राओं के मदद के तौर पर केंद्र सरकार के ऐलान के बाद दूसरे राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों और छात्रों के मदद के लिए विशेष श्रमिक ट्रेन चलवा कर अपने राज्यों में भेजा जा रहा है।
इस बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजस्थान की सरकार ने जब कोटा में फंसे 18 हजार बिहारी छात्रों के ट्रेन का किराया देने से हाथ खड़ा कर दिया तब बिहार ने करीब एक करोड़ का भुगतान कर 16 विशेष ट्रेन के जरिए सभी वापस लाया। इन छात्रों को वापस लाने के लिए कांग्रेस और राजद के लोगों ने 3 हजार बसें व 500 ट्रेन देने का थोथा वायदा किया, मगर जब छात्रों को लाने की बारी आई तो वे लापता हो गए। अगर राजद-कांग्रेस के लोगों में नैतिकता बची हो तो उन्हें छात्रों को लाने से बच गई राशि को मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करा देना चाहिए।
ट्रेन जहां से खुलती है किराया की व्यवस्था करना उस राज्य की जिम्मेवारी
मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के आपसी समझौते के कारण 1200 विशेष श्रमिक ट्रेन के जरिए अब तक 15 लाख से ज्यादा प्रवासी बिहार आ चुके हैं। राजस्थान के कोटा से आने वाली ट्रेन के अलावा किसी भी अन्य दूसरे राज्यो से आने वाली ट्रेन के लिए बिहार सरकार को किराया जमा नहीं करना पड़ा है क्योंकि जहां से ट्रेन खुलती है, किराया की व्यवस्था करना उस राज्य की जिम्मेवारी है।
हालांकि इसके बावजूद राज्य सरकार का निर्णय है कि जिन श्रमिकों को किराया देना पड़ा है उनके लिए क्वरेंटाइन के बाद राज्य सरकार उन्हें उनका किराया की राशि भुगतान किया करेगी।
बच्चों को बसों से लाने में होती परेशानी
उन्होंने कहा कि 1200 किमी.दूर कोटा में फंसे 18 हजार छात्रों को लाने के लिए करीब 750 बसों की जरूरत पड़ती और उन्हें कम से कम 4 दिन की परेशानी भरा सफर करना पड़ता। मगर राज्य सरकार की पहल पर केन्द्र से मिली विशेष ट्रेन के जरिए महज 17-18 घंटे में सकुशल अपने घर आए छात्रों व उनके अभिभावकों की खुशी राजद और कांग्रेस को देखी नहीं जा रही है।
राहुल गांधी को खुश करने के लिए चुकाया 3 बसों का किराया
कोटा के छात्रों को झांसा देने वाली कांग्रेस अपने नेता राहुल गांधी को खुश करने के लिए उनके संसदीय क्षेत्र के लोगों को केरल भेजने के लिए 3 बसों का किराया चुकाया। बिहारियों की सहायता के लिए फर्जी टाॅल फ्री नम्बर जारी करने वाली कांग्रेस को बताना चाहिए अब तक उसने कितने बिहारियों को लाने का खर्च उठाया है।