पटना : राजधानी पटना में हायर एजुकेशन में डिजिटल प्रयोव को बढ़ावा देने के लिए एक संगोष्ठी आयोजित की गई। इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन थे। लालजी टंडन ने कहा कि किसी भी देश का भविष्य शिक्षा पर निर्भर करता है। वैश्विक व्यवस्था बदलने से नए समाज का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा शिक्षा हमारे जीन्स में है। राज्यपाल ने कहा कि आने वाले समय में इंटरनेट और डिजिटल के काम नहीं चलनेवाला है। इसलिए उच्च शिक्षा में इनका समावेश होना चाहिए। खोजपरक शिक्षा में इंटरनेट, आधुनिक तकनीक और डिजिटल बहुत मददगार साबित होगा।शिक्षा में इसके प्रयोग होने से अपने आप वहुत सारी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। डिजिटल शिक्षा से ट्रांसपैरेंसी आएगी। लालजी टंडन ने कहा कि बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में काफी कम समय मे बहुत सुधार हुआ है। पहले यहां की शिक्षा को लेकर जो छवि बनी हुई थी उसमें सुधार हुआ है। इसमें और गति लाने के लिए डिजिटल का प्रयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब बिहार के किसी विश्वविद्यालय से ये खबर आएगी कि पूरा विश्वविद्यालय डिजिटल हो गया है तब ख़ुशी होगी। बहुत ही कम समय मे शिक्षा में गुणात्मक सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा को लेकर भारत सरकार बहुत गंभीर है। यदि प्रतिस्पर्धा में रहना है तो हमे गुणात्मक तकनीक अपनाना ही होगा। उच्च शिक्षा में सुधार हुआ तो समझें सब मे सुधार हो जाएगा। बिहार के राज्यपाल लाल जी टंडन ने कहा कि कोई भी शिक्षा तभी लाभकारी साबित होगी जब उसे जड़ से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि बिहार कभी पूरे विश्व की शिक्षा का केंद्र हुआ करता था। ऐसे ऐसे शोध विचारक यहां हुए हैं जिसे सारे विश्व के लोग अपना आदर्श मानते हैं। यहां की बहुत सारी चीज़ें मिथक मानी जाती थीं लेकिन अब सब सामने आ रहा है। महान अर्थशास्त्रीआचार्य चाणक्य, दुनिया मे सर्जरी के प्रणेता शुश्रुत, मथेमैटिशन आर्यभट्ट सब का तालुकात कहीं न कहीं बिहार से है। जब से हम खोजपरक शिक्षा से हटे हमारा पतन हो गया। रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथ हमारे पास है जो ज्ञान के अपार भंडार हैं। भगवान राम के जन्म को लेकर कई तरह की चर्चा होती है। कोई 10 हज़ार वर्ष तो कोई 20 हज़ार वर्ष पूर्व उनके जन्म को मानता है। हज़ारो वर्ष पहले ही हमारे पूर्बजों को पता था मंगल ग्रह लाल है और आज जब आधुनिक तकनीक से पता लगया गया तो मंगल ग्रह लाल ही निकला।
मधुकर योगेश