कयासों पर CM ने लगाया विराम, कहा – कोई बुलाए तो जाना पड़ता है
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगभग 4 साल बाद राजद परिवार द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल होकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया था। यहां तक कि राजनीतिक गलियारों में इनके मुलाकात को एक नया समीकरण बनाने की चाल भी बताई जा रही थी। लेकिन इन सब चीजों के बीच इस मामले को लेकर नीतीश कुमार की पहली प्रतिक्रिया आ गई है।
अगर कोई सम्मान से बुलाता है तो जाना पड़ता है
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि अगर कोई सम्मान से बुलाता है तो जाना पड़ता है। नीतीश कुमार ने कहा कि रमजान एक पवित्र महीना है और पाक मकसद के साथ रोजेदार रोजा रखते हैं। तेजस्वी यादव की तरफ से इसी को लेकर बुलावा आया था। इफ्तार पार्टी का आयोजन सभी राजनीतिक दलों की तरफ से किया जाता है। सभी राजनीतिक दल के लोग एक दूसरे की इफ्तार पार्टी में जाते हैं। मैंने भी तेजस्वी के बुलावे पर जाने का फैसला किया।
मालूम हो कि, नीतीश कुमार शुक्रवार को अपने आवास से निकलकर पैदल ही राबड़ी आवास पहुंच गए थे। वहां उन्होंने राबड़ी देवी के साथ-साथ मीसा भारती, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और तेजस्वी की पत्नी राजश्री से भी मुलाकात की थी। काफी देर तक नीतीश कुमार राबड़ी आवास में रुके थे और इस दौरान तेजस्वी से उनकी बातचीत भी हुई थी।
वहीं, इसके पहले नीतीश कुमार के इफ्तार पार्टी में शामिल होने को लेकर लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा था कि पोलिटिक्स में उथल पुथल होते रहता है। एंट्री का बोर्ड लगाए तो नीतीश चाचा आज घर पर आ गये। हमने तेजस्वी को अर्जुन घोषित कर दिया है हम कृष्ण की भूमिका में हैं। सरकार हम बनाएंगे खेला तो होगा ही। हमारी नीतीश कुमार से सिक्रेट बातचीत हो चुकी है। जो बातचीत हुई है वो अभी नहीं बताऊंगा। वो सब सिक्रेट बातचीत है।क्या बात हुई है यह हम और हमारे चाचा ही जानते हैं।