पटना : एनआईए की छापेमारी के बाद पूर्व विधायक सुनील पांडेय व उनके सगे भाई हुलास पांडेय सांसत में पड़ गये हैं। अभी तो उनकी कथित लाइसेंसी राइफल की जांच तो होगी ही, आर्थिक अपराध भी संपत्ति को लेकर शिकंजा बढ़ाने वाला है। सूत्रों ने बताया कि वाराणसी के हथियार तस्कर अजय राय से इनकी मित्रता और कश्मीरी आतंकियों से उसे मिली एके-47 की जांच एनआईए के लिए अहम है। करीब चार वर्ष पूर्व पकड़े गये कुछ शातिर अपराधियों ने पुलिस को अपने स्वीकारोक्ति बयान में उगला था कि कश्मीर के पाकिस्तान सीमा स्थित एक गांव से आतंकियों ने अजय राय को एके-47 लाकर दिए थे। हथयारों की कॅान्साईन्मेंट सेब लदी गाड़ी से डिलिवर हुई थी।
पूर्व MLA “सुनील पांडेय एंड कंपनी” पर NIA का शिकंजा, छह ठिकानों पर छापे
सुनील व हुलास पांडेय पर कसा शिकंजा
आतंकियों द्वारा मुहैया कराई गईं 8 एके-47 में से दो सुनील पांडेय तथा चार पूर्व सांसद शहाबुद्दीन तथा रांची के कुख्यात अनिल शर्मा को मिली थी। एनआईए को यह भी जानकारी है कि बिहार के वैसे डाॅन जिनके संबंध राजनीतिक गलियारे में हैं, के पास राॅकेट लांचर तक हैं। इनमें शहाबुदीन की एके-47 तो कई बार गरजी है। और, अनिल शर्मा की भी।
ईंडी कर सकती है पूरे मामले की जांच
इससे इतर, एनआईए ने पूरे मामले को अति संवेदनशील मानते हुए आर्थिक अपराध इकाई से अनुरोध किया है कि इनके पास अरबों की संपत्ति के स्रोत का पता लगाया जाए। सुनील और हुलास पांडेय की पटना, वाराणसी, सासाराम, दिल्ली, सहित कई जगहों पर संपत्ति होने के कागजात मिले हैं। सूत्रों ने बताया कि हथयारों के सत्यापन के बाद आर्थिक अपराध इकाई का भी शिकंजा उन पर कसेग।