पटना : प्रशांत किशोर ने आज मंगलवार को अपने धमाकेदार प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का सपोर्ट करने का संकेत दिया। लेकिन इस संकेत के साथ ही उन्होंने राजद में किसी भी रूप में अपनी इंट्री पर नो वैकेंसी का बोर्ड भी लगवा लिया। आइए जनते हैं कि ऐसा क्यों?
कन्हैया पर क्या कहा प्रशांत किशोर ने
दरअसल कन्हैया कुमार अपनी राजनीतिक जमीन की तलाश में पूरे बिहार में घूम रहे हैं। उनका मकसद युवा नेता के तौर पर बिहार के वोटरों के बीच पैठ बनाना है। प्रशांत किशोर ने आज मीडिया में कहा कि कन्हैया कुमार से वे पहले मिले हैं। कन्हैया कुमार बिहार के लड़के हैं, कुछ करना चाहते हैं, मुझे उससे कोई गुरेज नहीं है। कन्हैया कुमार बिहार में लगातार जनसभा कर रहे हैं और पटना के गांधी मैदान में 27 फरवरी को बड़ी रैली करने वाले हैं।
नीतीश को खुले मंच पर बहस की चुनौती, हर मोर्चे पर फेल : पीके
तेजस्वी के युवा फेस की कन्हैया से टक्कर
लेकिन पीके का कन्हैया पर यह बयान राजद को नागवार गुजरने वाला है। राजद तेजस्वी को बिहार में सीएम फेस और युवा चेहरा के तौर पर स्थापित करने की मुहिम पर है। ऐसे में कन्हैया तेजस्वी यादव को कड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं। यही कारण है कि पिछले चुनाव में भी राजद ने कन्हैया को सपोर्ट नहीं दिया था। अब चूंकि प्रशांत किशोर युवाओं को आगे लाने के साथ ही कन्हैया जैसे नेताओं को भी अच्छा बता रहे हैं, तब राजद की उनसे ठननी तय है।
पीके की नीतीश को खरीखोटी, पिछलग्गू..हारा हुआ नेता..
पिता बता नीतीश पर भी डाल रहे डोरा
साफ है कि राजद न तो चुनावी रणनीतिकार या फिर पार्टी में बतौर राजनीतिक व्यक्ति उन्हें कोई तरजीह देने वाला। जब नीतीश ने जदयू से पीके को बाहर का रास्ता दिखाया, उस समय भी राजद नेतृत्व ने उनसे दूरी ही बनाए रखा। सिर्फ तेजप्रताप ने ही उनको अपने पाले में करने की बात दबी जुबान छेड़ी। उधर पीके द्वारा नीतीश को पितातुल्य बताया जाना भी उनकी उस मानसिकता को उजागर करता है कि अपने भविष्य को लेकर पीके आशंकित हैं। वे नीतीश को भी संदेश देना चाह रहे हैं कि अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा, भाजपा से अलग होकर बात अब भी बन सकती है।