कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं PK, एनडीए ने पल्ला झाड़ा

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पटना : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं। अग्रीम जमानत की अर्जी पर जहां कोर्ट ने उनके मामले को जिला जज की अदालत से सेशन जज की कोर्ट में ट्रांस्फर कर दिया है, वहीं कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ पुलिस द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई पर रोक भी नहीं लगाई गई है। मतलब साफ है कि पुलिस पीके को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है।

इधर जदयू और भाजपा दोनों के नेताओं का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है। मामला पुलिस अनुसंधान और कोर्ट के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत है। इसपर किसी भी राजनीतिक दल की क्या टिप्पणी हो सकती है। लेकिन सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि पुलिस भी इस मामले में फूंक—फूंक कर कदम रख रही है। वह कुछ भी ऐसा नहीं करना चाहती ताकि विपक्षी दल बेवजह शोर मचा कर सरकार को बदनाम कर सकें। यह कारण है कि एनडीए भी प्रशांत किशोर के मामले को पुलिस अनुसंधान और कोर्ट के बीच बता, दूरी बनाए हुए हैं।

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विदित हो कि शाश्वत गौतम नाम के एक युवक ने पाटलिपुत्र थाना में एक आपराधिक मुकदमा दायर किया है जिसमें उसने प्रशांत किशोर पर उसका डाटा चोरी करने का आरोप लगाया है। उसने मीडिया में भी खुलेआम कहा कि पीके का ‘बात बिहार की’ कॉन्सेप्ट नकली है। पीके ने उसका कॉन्सेप्ट और डाटा चोरी कर अपने नाम से रजिस्टर करवा लिया। इसी सिलसिले में शाश्वत ने पीके पर पाटलिपुत्र थाने में क्रिमिनल केस दर्ज करवाया है।

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