पटना/दरभंगा : जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल ने बिहार की स्वास्थय व्यवस्था की हालत पतली कर दी है। हड़ताल का सबसे बुरा प्रभाव राजधानी पटना और दरभंगा तथा मुजफ्फरपुर में देखने को मिला। इन जिलों में अब तक इलाज के अभाव में 15 मरीजों ने दम तोड़ दिया है। उधर हडताली जूनियर डॉक्टर भी अपनी मांग पर डटे हुए हैं।सोमवार से चल रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से समूचे बिहार में मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पटना में पीएमसीएच के बाहर बेहाल मरीजों का तांता लगा हुआ है। इलाज के अभाव में वे क्या करें, कहां जायें, इसे लेकर उनमें अफरा—तफरी मची है। कमोबेश यही हाल दरभंगा के डीएमसीएच और मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में भी देखने को मिला।
मालूम हो कि जूनियर डॉक्टर्स ने हड़ताल पर जाने से पहले बिहार के स्वाथ्य विभाग और पीएमसीएच प्रशासन से बिहार कोटे में पटना एम्स में छात्रों के पीजी में दाखिले की अनुमति पर रोक लगाने की मांग की और अब इन्ही मांगो को लेकर वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल के कारण पिछले दो दिनों में पीएमसीएच में 14 से ज्यादा आपरेशन टल चुके हैं।
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